मुंबई
साकीनाका पुलिस ने गजानंद तालवे नामक एक फर्जी एटीएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ में पता चला कि वह एक असली पुलिस अधिकारी का दोस्त है। यह असली पुलिस अधिकारी कभी एटीएस में काम कर चुका है। अब ठाणे के एक पुलिस स्टेशन में कार्यरत है। गजानंद ने कुछ साल पहले किसी को धमकाया था। उसी केस में उस पुलिस अधिकारी ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था।
गजानंद की तब गिरफ्तारी तो नहीं हुई लेकिन वह संबंधित अधिकारी का दोस्त जरूर बन गया। उस अधिकारी के साथ उठने-बैठने लगा। उसी में उसने पुलिस के काम करने के तरीके सीख लिए। बाद में उसने पुलिस की यूनिफॉर्म बनवा ली। किसी से गाड़ी ले ली और पुलिस यूनिफॉर्म पहनकर गाड़ी में घूमने लगा। लोग उसे असली पुलिस वाला समझने लगे।
महिला के जरिये शुरू की चोरी
वह कई बार मुंबई में कलेक्टर ऑफिस में यूनिफॉर्म में आया। वहां उसकी एक महिला से पहचान हुई। वह भी उसे पुलिस वाला ही समझती रही। इंस्पेक्टर अब्दुल रऊफ शेख ने एनबीटी को बताया कि गत 17 जून को गजानंद ने इस महिला से कहा कि ठाणे, नौपाडा में जहां वह रहता है, रविवार होने की वजह से दुकानें बंद हैं और उसे अपने परिवार के लिए अरजेंट एक सोने की चेन चाहिए।
महिला ने साकीनाका के एक जूलर से चेन लेकर उसे दे दी। गजानंद ने उसका पेमेंट भी कर दिया। बाद में उसने महिला के जरिए ही 15 और सोने की चेन लीं। उसने जूलर से कहा कि वह इनका पेमेंट एनईएफटी के जरिए उसे कर रहा है। उसने जूलर से उसका बैंक अकाउंट नंबर लिया और कुछ मिनट बाद बैंक की तरफ से जूलर को फर्जी एसएमएस कर दिया।
असली ATS अधिकारी का दोस्त निकला फर्जी ATS अधिकारी
जब जूलर ने ऑनलाइन अपना अकाउंट चेक किया, तो उसमें रकम आई ही नहीं। इस पर गजानंद ने सफाई दी कि रविवार होने की वजह से बैंक की तरफ से देर से रकम ट्रांसफर होती है। शाम तक उसके अकाउंट में रुपये आ जाएंगे। बाद में उसने जूलर से 15 और गोल्ड चेन ले लीं। जूलर अपना अकाउंट अपडेट करता रहा। जब फिर भी सभी गोल्ड चेन का 10 लाख 42 हजार रुपये का पेमेंट नहीं हुआ, तब जूलर ने पुलिस में शिकायत की। इसी के बाद गजानंद की गिरफ्तारी हुई।