मुंबई
मुंबई-एर्नाकुलम दुरंतो ट्रेन में चूहे दिखने की शिकायत करने वाली वकील को उपभोक्ता अदालत ने 19,000 हजार रुपये मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया है। फोरम ने खराब सर्विस के लिए सेंट्रल रेलवे को जिम्मेदार ठहराया है। फोरम ने कहा कि लोगों ने अच्छी सुविधाओं के लिए पैसे दिए हैं, उन्हें अच्छी सुविधाएं मिलनी चाहिए। ट्रेन में चूहे दिखने की शिकायत ऐडवोकेट शीतल कनकिया और उनकी रिश्तेदार हेमा कनकिया ने 2015 में की थी। उन्होंने साउथ मुंबई जिला उपभोक्ता अदालत में 2 दिसबंर, 2015 को शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि जब उन्होंने ट्रेन में चूहे दिखने की शिकायत थी तो उनसे कहा गया था कि ट्रेन में ये आम बात है और इतनी बड़ी ट्रेन को साफ करने के लिए स्टाफ को तीन दिन मिलते हैं। उन्होंने टिकटचेकर को भी लिखित में शिकायत दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
रेलवे की दलील
उन्होंने दावा किया कि उन्हें ट्रेन में जो खाना दिया गया वह साफ नहीं था, जिससे उनका सेहत पर असर पड़ा। उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट भी फोरम में दी। उन्होंने बताया कि बीमार होने के कारण उनकी छुट्टियां खराब हो गईं। उन्होंने अपने टिकट के पैसे और मानसिक तकलीफ के लिए मुआवजा मांगा।
उधर, रेलवे ने सभी शिकायतों को गलत बताया और कहा कि सफाई समय से होती है। उन्होंने टॉइलट की सफाई और पानी को लेकर की गईं शिकायतों को भी गलत बताया। हालांकि, फोरम ने यह कहकर रेलवे की बात नहीं मानी कि अगर सभी काम सही से किए गए थे तो उनके रेकॉर्ड दस्तावेज क्यों जमा नहीं किए गए, जबकि शिकायतकर्ता ने सभी सबूत दिए हैं।