मुंबई
भायखला जेल में बंद 85 महिला कैदियों, 1 पुरूष कैदी और 4 महीने के एक बच्चे को उल्टी, दस्त, जी मचलने और पेट में दर्द की शिकायत के बाद आनन-फानन में शुक्रवार को जेजे अस्पताल में भर्ती किया गया। खबर लिखे जाने तक सभी की स्थिति सामान्य बताई गई। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआती लक्षणों के अनुसार कैदियों की तबीयत दूषित खाने या पानी से खराब हुई लगती है। मामले को गंभीरता से लेते हुए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और एफडीए ने भायखला जेल से खाने और पानी का नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया है। महिला कारावास में 210 कैदी हैं। कैदियों से बातचीत के आधार पर मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार की रात खाना खाने के बाद से ही कुछ महिला कैदियों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हो रही थी। जेल के डॉक्टरों ने उन्हें दवा दी। स्थिति में सुधार न होता देख शुक्रवार की सुबह कुछ मरीजों को जेजे अस्पताल लाया गया। जब तक उनका उपचार शुरू हुआ, जेल में और कैदियों को भी ऐसी ही शिकायत हुई।
दो गर्भवती भी शामिल
अस्पताल में भर्ती कैदियों में दो गर्भवती कैदी भी शामिल हैं। जेजे अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. संजय सुरासे ने बताया, ‘सभी की स्थिति सामान्य है। वे 48 घंटे निगरानी में रहेंगी। उन्हें सलायन के साथ ऐंटिबॉयोटिक दवा दी जा रही है। पुलिस महानिरीक्षक (कारावास) राजवर्धन सिन्हा ने बताया कि पुरुष कैदियों और कारावास के कर्मियों में से किसी ने कोई शिकायत नहीं की है।
‘दवा का रिएक्शन नहीं’
15 अप्रैल को कुछ पुरुष कैदियों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत के बाद जेजे अस्पताल लाया गया था। उनमें से एक कैदी को हैजा हुआ था। इस बीमारी से दूसरे कैदियों को बचाने के लिए कुछ कैदियों को डॉक्सिसाइक्लिन दवा दी गई थी। सूत्रों का कहना है कि महिला कैदियों पर उसी का रिएक्शन हुआ। जेजे अस्पताल के मेडिसन विभाग के अध्यक्ष डॉ. विकार शेख ने इसका खंडन किया है।
मरीजों के बारे में जेजे अस्पताल के डीन डॉ मुकुंद तायडे ने बताया कि, ‘फिलहाल सभी बीमार कैदियों की स्थिति सामान्य है। उन्हें 48 घंटों के लिए निगरानी में रखा जाएगा।’
इस मामले पर बीएमसी कार्यकारी अधिकारी डॉ पद्मजा केसकर ने बताया कि, ‘हमने भायखला जेल से खाने और पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं।’