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जीएसटी ने की गुटखा तस्करों की ‘राह’ आसान, ड्रग्स की तस्करी बढ़ी

मुंबई, एक साल पहले जब देश भर में जीएसटी शुरू हुआ, तो ऑक्ट्रॉय बंद हो गया। मुंबई पुलिस का मानना है कि ऑक्ट्रॉय बंद होने की वजह से मुंबई में प्रतिबंधित गुटखा और ड्रग्स की तस्करी बढ़ी है। एक पुलिस अधिकारी ने एनबीटी से कहा कि ऑक्ट्रॉय के बहाने महाराष्ट्र के टोल नाकों पर अलग-अलग नगरपालिकाओं द्वारा ट्रकों की चेकिंग होती रहती थी। ट्रक मालिक और ट्रक ड्राइवर तब दोनों डरे रहते थे कि उनके ट्रकों में रखा अवैध सामान कभी भी पकड़ा जा सकता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होता। अब किसी खास टिप पर ही जांच एजेंसियों द्वारा ट्रकों की चेकिंग की जाती है। उसी में कई बार ड्रग्स या गुटखा मिलता है।
ऐसा ही करीब साढ़े 13 लाख रुपये कीमत का गुटखा दो दिन पहले साकीनाका के गोदामों से जब्त किया गया। डीसीपी नवीन चंद्र रेड्डी, सीनियर इंस्पेक्टर किशोर सावंत और अब्दुल रऊफ शेख की जांच में पता चला कि यह गुजरात से लाया गया था। महाराष्ट्र में गुटखा बैन है, पर गुजरात में नहीं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि सूरत से मुंबई में ट्रकों में कपड़ा आता रहता है। गुटखा के कारोबारी इन्हीं कपडों के बीच गुटखा भी रख देते हैं। कपड़ा तो कपड़ा बाजार में बाद में पहुंचता है। बीच रास्ते, गुटखे से भरे बैगों को ट्रकों से उतार दिया जाता है और फिर शहर के अलग-अलग गोदामों में रख दिया जाता है।
ट्रेनों से भी अवैध कारोबार
ट्रेनों से भी गुटखा मुंबई में अवैध रूप से पहुंच रहा है। इस अधिकारी के अनुसार, जब भी कोई मेल गाड़ी मुंबई में आती है, तो जिस स्टेशन पर उसका अगला स्टॉपेज होता है, उससे पहले उस गाड़ी की स्पीड कम हो जाती है। उसी दौरान गुटखा के अवैध बिजनेस से जुड़े लोग गाड़ी से गुटखे से भरा बैग बाहर ट्रैक पर फेंक देते हैं। उसके साथी ट्रैक पर पहले से खड़े रहते हैं। वे बैग को उठाते हैं और फिर अलग-अलग गोदामों में जाकर रख देते हैं। इन गोदामों से फिर मुंबई में पान की दुकानों में यह गुटखा पांच गुना ज्यादा कीमत पर बेचा जाता है।
गिरफ्तारी नहीं होती
खास बात यह है कि अवैध रूप से गुटखा का कारोबार करने के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं होती। पुलिस जब्त गुटखे और आरोपी को एफडीए को सौंप देती है। एफडीए गुटखा अपने पास रख लेती है और आरोपी को नोटिस दे देती है। बाद में कोर्ट के जरिए आगे की कानूनी प्रक्रिया चलती है। इसमें इतने साल लग जाते हैं कि आरोपी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। जिस तरह गुटखा दूसरे सामानों के साथ अवैध रूप से आ रहा है, उसी तरह ड्रग्स का भी कारोबार हो रहा है। कुछ दिनों पहले डीआरआई ने नागपुर में नारियल से भरे ट्रक में 10 करोड़ रुपये कीमत का गांजा जब्त किया था। यह छत्तीसगढ़ से नक्सलियों द्वारा भेजा गया था।

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