मुंबई
मुंबई की सड़कों पर बने गड्ढों के कारण न जाने कितने लोग अपनों को खो चुके हैं। कुछ लोग जहां इस गम में जिंदगी बिता देते हैं वहीं एक शख्स ऐसा भी है जिसने इसके लिए कदम उठाने का फैसला किया है। तीन साल पहले अपने 16 साल के बेटे को गंवाने वाले दादाराव बिल्होर ने एक अनोखा कदम उठाया है। वह अपने बेटे की पुण्यतिथि पर उस जगह के गड्ढे भरने जा रहे हैं जहां उसकी जान गई थी। यही नहीं, पिछले तीन साल में वह 555 गड्ढे भर चुके हैं। दादाराव की एक और रिश्तेदार भी ऐसे ही सड़क के गड्ढे के कारण दुर्घटना के बाद घायल हो गई थीं। उनका इलाज चल रहा है। दादाराव कहते हैं कि प्रशासन सिर्फ तभी कोई कदम उठाता है जब कोई घटना हो जाती है। वह सवाल करते हैं कि कुछ होने का इंतजार क्यों किया जाता है।
वह बताते हैं कि उनके बेटे की मौत के बाद वह निर्माणाधीन इमारतों के पास से रेत, बजरी जैसी चीजें इकट्ठा करते हैं। उससे वह शहर की सड़कों के गड्ढे भरते हैं। इमारतों के निर्माणकार्य में लगने वाले सामान को न फेंकने का अनुरोध करते हैं।