मुंबई
महाराष्ट्र में अब मल्टिप्लेक्स और थिअटर वालों को छपी हुई दर (एमआरपी) पर खाद्य पदार्थ या वस्तुएं बेचनी होंगी। बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश के बाद अब महाराष्ट्र सरकार ने इसकी अनुमति दी है, जो बुधवार से लागू हो जाएगी। अगर किसी मल्टिप्लेक्स ने विरोध किया, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। इसकी अधिसूचना महाराष्ट्र सरकार की तरफ से पिछले महीने ही लागू कर दी गई थी। राज्यमंत्री रविंद्र चव्हाण ने बताया था कि एक अगस्त से मल्टिप्लेक्स तथा थिअटर वालों को छपी हुई दर पर खाद्य पदार्थ या वस्तुएं बेचनी होंगी। उन्होंने सदन को बताया था कि जून 2018 के अंत तक राज्य के मल्टिप्लेक्स और मॉल्स के 44 ठिकानों की जांच की गई और एमआरपी से अधिक दर पर सामान बेचने के आरोप में 3 मामले दर्ज किए गए।
इसके साथ ही सिनेमा देखने जा रहे लोग थिअटर, मल्टिप्लेक्स के अंदर अपने घर का या फिर बाहर से खाद्य पदार्थ लेकर जा सकेंगे। अदालत के आदेश पर इस संबंध में सरकार एक नीति बना रही है, जिसे एक महीने में लागू किया जा सकता है।
अधिक दाम का हो रहा विरोध
बता दें कि महाराष्ट्र में सिनेमा हॉल के अंदर ज्यादा दामों पर फूड प्रॉडक्ट बेचने का भारी विरोध हो रहा है। पिछले दिनों पुणे में एक पूर्व पार्षद समेत महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएसस) के कुछ कार्यकर्ताओं ने एक मल्टिप्लेक्स के सहायक प्रबंधक को थप्पड़ मार दिया था। थिअटर के भीतर खाद्य वस्तुओं की ज्यादा कीमतों को लेकर इन लोगों ने सहायक प्रबंधक के साथ बदसलूकी भी की थी। इस घटना की शिकायत होने के बाद पूर्व पार्षद किशोर शिंदे और एमएनएस के अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
मल्टिप्लेक्सों की ‘लूट’ पर लगी लगाम
महाराष्ट्र सरकार मल्टिप्लेक्स मालिकों के साथ बैठक करेगी और मल्टिप्लेक्स के अंदर मिलने वाले सामान का दाम बाजार में बिकने वाले दाम के बराबर कराएगी। दूसरी तरफ खबर है कि सरकार के इस रुख को मल्टिप्लेक्स मालिक अदालत में चुनौती दे सकते हैं। इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश देते हुए कहा था कि वह सिनेमा हॉल में बाहर के खाने को ले जाने के मुद्दे पर विचार करके उसे अनुमति दे।
न्यायाधीश आरएम बोर्डे और न्यायाधीश राजेश खेतकर ने यह निर्देश जैनेंद्र बख्शी की जनहित याचिका पर दिया था। याचिका में कहा गया था कि थिअटरों में बाहर का खाना और पानी अंदर ले जाने पर कोई सांविधिक या कानूनी रोक नहीं है। वकील प्रताप ने कहा कि महाराष्ट्र सिनेमा (नियमन) नियम के तहत थिअटरों और ऑडिटोरियमों के अंदर खाना बेचना और उस बेचने के लिए दर्शकों के पास जाना प्रतिबंधित है, लेकिन यह धड़ल्ले से हो रहा है।
अदालत में सुनवाई के दौरान फिक्की मल्टिप्लेक्स ओनर्स असोसिएशन, जो कि सिनेमा थिअटर मालिकों की एक राष्ट्रीय संस्था है, ने कहा था कि उसे भी इस मामले में अपना पक्ष रखने दिया जाए। असोसिएशन का कहना है कि याचिका दायर करके जो राहत मांगी गई है, उससे मल्टिप्लेक्स मालिक प्रभावित होंगे, जो इस संस्था के सदस्य हैं।