मुंबई
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर एक साइंस ग्रैजुएट युवक ने बीड जिले में मंगलवार को आत्महत्या कर ली। पुलिस के अनुसार, अभिजीत देशमुख ने वीरा गांव में अपने घर के बाहर पेड़ से फांसी लगा ली। आत्महत्या से पहले लिखे नोट में उसने इसके लिए कई कारण बताए हैं। उसकी शर्ट की जेब से सूइसाइड नोट बरामद हुआ है। मराठा आरक्षण को लेकर यह खुदकुशी का छठा मामला बताया जा रहा है। इसमें उसने लिखा है कि मराठा आरक्षण की मांग स्वीकार करने में हो रही देरी, बैंक के बकाया कर्ज और अपने बीमार परिवारजनों के लिए दवाइयां नहीं ला पाने के कारण वह जान दे रहा है। देशमुख ने कहा कि उसने विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी लेकिन बेरोजगारी के कारण उसका परिवार बैंक का कर्जा नहीं चुका पाया। उसने कथित तौर पर अपने एक दोस्त से चर्चा की थी कि मराठाओं के लिए आरक्षण नहीं होने के कारण ही वह नौकरी नहीं ढूंढ़ पा रहा है। उसे व्यापार के लिए भी कर्ज नहीं मिल रहा था, क्योंकि उसने अपनी पढ़ाई के लिए लिया गया कर्ज नहीं चुकाया था। वहीं, एक दूसरी घटना में, मराठा क्रांति मोर्चा के 8 कार्यकर्ताओं ने बीड के पास लातूर जिले के औसा तहसीलदार कार्यालय के पास पेट्रोल डालकर सामूहिक रूप से आत्महत्या करने का प्रयास किया।
हालांकि, पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बचा लिया लेकिन बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। देशमुख की आत्महत्या की खबर फैलने के बाद लोगों की बड़ी संख्या और स्थानीय मराठा कार्यकर्ता बीड अस्पताल पहुंच गए, जहां आत्महत्या करने वाले छात्र का शव रखा गया था। महाराष्ट्र कांग्रेस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वह लोगों का भरोसा खो चुके हैं।
महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अशोक चव्हाण ने कहा, ‘सरकार को बताना चाहिए कि वह विधानसभा का विशेष सत्र कब बुला रही है। हमने महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से बात की है। उनका कहना है कि मराठा का सर्वेक्षण करने में उन्हें तीन महीने लगेंगे। लेकिन सरकार का इस पर कदम विरोधाभासी है।’