मुंबई
जेल फांदकर भागने की कोशिश करने वाले कैदियों को रोकना, जेल में झगड़ों को निपटाना और अपराधियों को अनुशासन में रखना, जेल अधिकारियों के लिए इससे मुश्किल और क्या हो सकता है? इससे भी ज्यादा मुश्किल साबित हो रहा है महाराष्ट्र जेल में अधिकारियों का भूतों को भगाना। राज्य की जेलों में कैदियों की जेल वॉर्डन से यह शिकायत अब आम हो चुकी है कि उन्हें रात में कोई परछाईं दिखती है, पायल-घुंघरुओं की आवाज आती है और कई कैदियों पर भूत का असर है। कल्याण जेल में एक महिला कैदी की शिकायत थी कि अक्सर आधी रात में कोई उसे थपथपाता है और नींद खुलने पर वहां कोई नहीं होता। इसी तरह कुछ कैदियों ने तीन आंखों, लंबे बालों और उल्टे पैरों वाली तो कुछ ने सफेद साड़ी पहने चुड़ैल देखने का दावा किया है। बायकुला महिला जेल अधिकारी अरुणा मुगुतारो बताती हैं कि एक बार जब वह निरीक्षण पर आईं तो जेल परिसर में करीब एक दर्जन महिला कैदी अपनी साथी से भूत उतारने की बात कहकर उसका सिर पटक रही थीं।
अरुणा बताती हैं, ‘पूनम की रात को ऐसी घटनाएं सामान्य हो गई हैं। कैदियों में से एक भूत देखने का दावा करता है और बाकी उसकी बात मान लेते हैं।’ नवरात्रि के वक्त रात में कैदी गाने लगती हैं और खुद के शक्तियों के वश में होने की बात कहते हुए झूमने लगती हैं। आलम यह है कि इन हरकतों के चलते जेल प्रबंधन ने भूतों को पकड़ने के लिए टीम को लगाया है। साथ ही कैदियों का अंधविश्वास दूर करने की भी कोशिश की जा रही है।
सेवाधाम की बरनेदेत्ते पिमेंता और 72 साल की वंदना शिंदे ने महाराष्ट्र की जेलों में अंधविश्वास दूर करने के लिए अभियान चलाया है। वह बताती हैं, ‘यरवदा जेल में एक कैदी से मुलाकात हुई जिसे अपने पड़ोसी पर शक था कि उसने परिवार पर काला जादू किया है। कैदी ने पड़ोसी का सिर फोड़ दिया था। ऐसे कई कैदी हैं जो काला जादू और भूत जैसी चीजों में यकीन रखते हैं। कइयों का अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा होना भी इसकी वजह है।’
फिलहाल जेल प्रबंधन ऐसे अंधविश्वास को दूर करने की कोशिश कर रही है। बीते एक साल में इसे लेकर 30 कार्य़शालाओं का आयोजन किया जा चुका है। जेल अधिकारियों का कहना है कि जरूरी है कैदी जेल में सुरक्षित महसूस करें। जो कैदी खुद के भूतों के वश में होने का दावा करते हैं उनका इलाज किया जा रहा है साथ ही ऐसे विश्वास को दूर करने के लिए एक्सपर्ट्स की मदद ली जा रही है।