मुंबई
प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण मरीजों को कितनी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है, इसका अंदाजा जेजे एचआईवी मरीजों को देखकर लगाया जा सकता है। अस्पताल के तहत एआरटी सेंटर में थर्ड लाइन मेडिसिन की कमी के कारण दूर-दराज से आने वाले मरीजों को एक महीने की बजाय केवल 5 दिन की खुराक दी जा रही। इसके लिए भी मरीजों को घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ रहा। आंकड़ों के अनुसार, राज्यभर में एचआईवी के थर्ड लाइन थेरेपी पर 375 मरीज हैं। महाराष्ट्र में इसकी दवा के लिए केवल जेजे में ही एक सेंटर है। जहां इस लाइन के तहत उपचार के लिए राज्यभर से मरीज आते हैं। ऐसे में 1 महीने की खुराक न मिलने से मरीज काफी परेशान हैं।
मुंबई डिस्ट्रिक्ट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की अडिशनल प्रॉजेक्ट डायरेक्टर डॉ. श्रीकला आचार्य ने बताया, ‘उपरोक्त दवा का ऑर्डर बहुत पहले दे दिया गया था। हालांकि समय पर स्टॉक न आने के कारण इस तरह की समस्या हुई। फिलहाल, नैशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) से दवाओं का स्टॉक हमारे पास आ गया है। शनिवार से मरीजों को फिर से एक महीने का स्टॉक मिलना शुरू हो गया है।’
खराब है हालत
एचआईवी मरीज और मरीजों के लिए काम करने वाले गणेश आचार्य ने बताया कि 2017 से थर्ड लाइन मेडिसिन की शुरुआत राज्य में हुई है। शुरुआत के कुछ दिन ठीक से निकले, उसका बाद अक्सर कभी 15 दिन, कभी 10 दिन, तो कभी 5 दिन की दवा मिलती है। बीमारी के कारण मरीजों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे में लाइन में घंटों खड़े रहना, उनके लिए खुद को परेशानी में डालना है।
मरीज की आपबीती
कुर्ला की आरती शर्मा (45, बदला हुआ नाम) पिछले 5 कई साल से थर्ड लाइन मेडिसिन थेरेपी पर हैं। शुक्रवार को दवा लेने जब वह जेजे अस्पताल के तहत ऐंटि रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) सेंटर पहुंचीं, तो 6 घंटे लाइन में लगने के बाद उन्हें केवल 5 दिन की दवा दी गई। आरती ने बताया कि पिछले 2 महीने से कम दवा मिल रही है। कभी 7 दिन, तो कभी 5 दिन। बता दें कि मरीज की सुविधा को देखते हुए उन्हें एक बार में 1 महीने की खुराक देने के निर्देश हैं।