मुंबई
मुंबई के मेघवाड़ी पुलिस स्टेशन का एक मामला सामने आया है जहां शिकायत लिखाने गए युवक से पुलिस ने मार्कर पेन खरीदकर लाने को कहा। 24 साल के सिविल इंजिनियर तनवीर सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि जब वह अपने खोये हुए पर्स की शिकायत लिखाने पुलिस स्टेशन गया तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे एफआईआर नोट करने के लिए दो मार्कर पेन खरीदकर लाने को कहा।
यही नहीं पुलिसकर्मियों ने तनवीर की शिकायत को भी खारिज कर दिया। तनवीर ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उसका फोन भी छीन लिया और उसे थप्पड़ भी जड़े क्योंकि उन्हें तनवीर पर घटना का विडियो बनाने का शक हुआ था। इसके बाद तनवीर ने सिटी पुलिस कमिश्नकर, जॉइंट सीपी (लॉ ऐंड ऑर्डर) और जोन के डेप्युटी सीपी को शिकायत पत्र लिखकर पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
अपनी शिकायत में सिद्दीकी ने दावा किया कि वह गुरुवार को अपने खोये हुए पर्स की शिकायत लेकर करीब साढ़े दस बजे मेघवाड़ी पुलिस स्टेशन गया लेकिन कॉन्स्टेबल ने उनसे शिकायत दर्ज करने के बदले दो ब्लू मार्कर पेन लाने को कहा। तनवीर की शिकायत के अनुसार, ‘मैंने उनसे कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है क्योंकि मैं पर्स खो चुका हूं लेकिन फिर भी उन्होंने मुझसे पेन खरीदकर लाने को कहा।’
खुद का पेन ऑफर किया लेकिन मार्कर पर अड़ गए
दिलचस्प यह है कि सिद्दीकी ने पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दी और अपना खुद का पेन भी उन्हें ऑफर किया लेकिन वह मार्कर पर ही अड़ गए। दरअसल पुलिसकर्मियों के पास सिर्फ एक ही मार्कर था जिससे वह नाइट ड्यूटी खत्म करने को लेकर आशंकित थे। किसी तरह दोनों पक्ष के बीच समझौता हुआ कि शिकायत लिखने के बाद तनवीर मार्कर पेन खरीदकर देंगे। तनवीर ने उस मार्कर की भी तस्वीर भी क्लिक कर ली जो उन पुलिसकर्मियों के पास पहले से मौजूद था।
मोबाइल छीना, फोटो डिलीट की
तनवीर ने शिकायत में लिखा, ‘इस बीच एक कपल अपनी शिकायत लेकर वहां आया तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ भी बदसलूकी की। इसके बाद मुझे बुलाया और मेरा मोबाइल छीन लिया उन्हें शक था कि मैंने इस घटना का विडियो बनाया है। उन्हें मेरे मोबाइल में सिर्फ एक मार्कर पेन की तस्वीर मिली जिसे उन्होंने डिलीट कर दिया लेकिन मैंने पहले से ही उसका स्क्रीनशॉट ले रखा था जिसे शायद वे नोटिस नहीं कर पाए।’
मेघवाड़ी पुलिस इंस्पेक्टर के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर जगदेव कलापड़ ने कहा, ‘किसी ने उससे मार्कर लाने को नहीं कहा था। उसे सिर्फ डांटा गया था क्योंकि उसने पुलिस स्टेशन के अंदर की तस्वीरें क्लिक की थीं।’