वसई
डॉन रवि पुजारी की दहशत अब विरार तक फैल गई है। कांदिवली क्राइम ब्रांच ने पिछले सप्ताह इस डॉन के एक शूटर राहुल यादव को देशी कट्टा व पांच कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था। वसई क्राइम ब्रांच ने अब विरार से जुड़े केस में इस शूटर की कस्टडी ली है। 29 सितंबर 2015 को उसने विरार में एक ज्वेलर्स पर फायरिंग की थी।
सूत्रों के अनुसार, उस केस में यादव के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 394, 397 और 34 के तहत मामला दर्ज हुआ था। राहुल यादव उस केस में तभी से वॉन्टेड था। उसके खिलाफ मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे, पालघर जिले के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में दर्जनों मामले दर्ज हैं। 2009 में पनवेल में प्रजापति नामक बिल्डर पर फायरिंग में भी उसका नाम सामने आया था। लेकिन वह सुर्खियों में संगीतकार नदीम से जुड़े केस की वजह से आया। नदीम का मुंबई सेंट्रल में एक दफ्तर है। कई साल पहले वह रवि पुजारी गैंग का नाम लेकर इस दफ्तर में घुसा और वहां बैठे कर्मचारियों को धमकाया।
नदीम अब मुंबई नहीं, लंदन में रहते हैं। उन्हें मुंबई पुलिस ने गुलशन कुमार हत्याकांड में आरोपी बनाया है और उनके मुंबई प्रत्यर्पण की पिछले दो दशक में कई कोशिशें की हैं। रवि पुजारी भी इन दिनों विदेश में है और अपने लोगों के जरिए दहशत फैलाने की कोशिश करता रहता है।
मुंबई में गैंग की टूटी कमर
रवि पुजारी गिरोह की कमर सबसे ज्यादा तब तोड़ी गई, तब सदानंद दाते मुंबई क्राइम ब्रांच चीफ और के.एम. प्रसन्ना अडिशनल सीपी थे। मुंबई क्राइम ब्रांच का कहना है कि रवि पुजारी ने इसके बाद अपना नेटवर्क मुंबई के बाहर फैलाने की ज्यादा कोशिश की। पुणे, नाशिक, ठाणे, पालघर जिले में खासतौर से उसके लोगों ने बिल्डरों और जूलरों को काफी धमकाया। पालघर जिले में माफिया की बढ़ी गतिविधियों की वजह से यहां क्राइम ब्रांच की दो अलग-अलग यूनिट्स बनाई गईं।
इनमें से एक यूनिट पालघर में बैठकर काम करती है, जबकि दूसरी वसई/नालासोपारा में बैठकर काम कर रही है। पिछले कुछ महीने में यहां माफिया के काफी लोग पकड़े गए हैं। दाऊद, सुभाष सिंह ठाकुर, सुदेश पुजारी की गतिविधियों को खासतौर पर मॉनिटर किया जा रहा है। इस इलाके में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस आयुक्तालय बनाने का भी राज्य सरकार के पास प्रस्ताव गया है, जिसे सैद्धांतिक तौर पर मंजूर भी कर लिया गया है।
इस इलाके में काम कर रहे पुलिस अधिकारियों का मानना है कि पुलिस आयुक्तालय बनने के बाद जब पुलिस के पास अधिकार ज्यादा आ जाएंगे, तो माफिया के काफी लोगों को यहां से तड़ीपार करने में पुलिस को मदद मिलेगी।