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पुलिस कस्टडी से भागने वाले कुख्यात आरोपी और कांस्टेबल को 5-5 साल की कैद

चंडीगढ़ जिला अदालत में पेशी के दौरान पुलिस की कस्टडी से भागने के मामले में संगरूर निवासी शातिर अपराधी राजबीर उर्फ राजन भट्टी और ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले पुलिस कांस्टेबल (निलंबित) हरबंस लाल को जिला अदालत ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही दोनों पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
वहीं इससे पहले अदालत मामले में शामिल तीन आरोपियों गुरदासपुर निवासी सन्नी शर्मा व शुभम और डेराबस्सी निवासी राजबीर सिंह को सबूतों के अभाव में बरी कर चुकी है। जबकि एक अन्य आरोपी खरड़ निवासी पूनम उर्फ डॉली को अदालत भगोड़ा (पीओ) करार दे चुकी है। इन चारों पर राजन भट्टी को भगाकर ले जाने का आरोप था। अक्तूबर 2015 में सेक्टर-36 थाना पुलिस ने उक्त सभी के खिलाफ केस दर्ज किया था।
पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार, 13 अक्तूबर 2015 को राजन भट्टी की जिला अदालत में एडीजे अंशु शुक्ला की कोर्ट में दुराचार के मामले में पेशी थी। पेशी के बाद हेड कांस्टेबल भट्टी को चाय पिलाने के लिए एडवोकेट्स चैंबर्स के पीछे बनी दुकानों के पास ले गया। इसी दौरान मौका पाकर वह कांस्टेबल हरबंस को टक्कर मारकर फरार हो गया।
कांस्टेबल पर आरोप था कि कैदी के भागने के बावजूद उसने इसकी सूचना तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम और अफसरों को नहीं दी थी। पहले वह खुद उसके पीछे भागा, लेकिन कोर्ट बाउंड्री के बाहर कार में उसका इंतजार कर रहे उसके साथी उसे कार में बैठाकर भगा ले गए। उसने काफी देर बाद इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने सूचना मिलने के बाद पंजाब में टीम रवाना की थी। वहीं कांस्टेबल हरबंस लाल के खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही का केस दर्ज किया गया। पुलिस कस्टडी से भागने पर राजन भट्टी और भागने में मदद करने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया था। राजन भट्टी को जिला अदालत पहले पुलिस पार्टी पर हमला और हत्या के प्रयास मामले में पांच साल की सजा सुना चुकी है। यह सजा के आदेश पिछले साल फरवरी में हुए थे। अब इस मामले में भी पांच साल की सजा सुनाए जाने के बाद भट्टी को पहले सुनाई गई पांच साल की सजा पूरी करनी होगी, उसके बाद ही यह सजा शुरू होगी।
एनकाउंटर होने के डर से भागने की दी दलील
सजा सुनाए जाने से पहले राजन भट्टी ने अदालत से सजा के प्रति नरमी बरतने की अपील करते हुए कहा कि उसके एक भाई को पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था। इससे उसे भी डर था कि पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है, इसलिए वह पुलिस कस्टडी से फरार हुआ था।
पिछले साल भी हुई थी पांच साल कैद
मई 2015 में पुलिस पार्टी पर फायरिंग मामले में जिला अदालत ने राजन भट्टी को 15 फरवरी 2017 को 5 साल की सजा सुनाई थी। भट्टी के खिलाफ सेक्टर-3 थाना पुलिस ने हत्या का प्रयास समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया था। 16 मई 2015 को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि राजन सेक्टर-9 के एक सैलून में आने वाला है। सूचना मिलते ही भट्टी को गिरफ्तार करने के लिए तत्कालीन क्राइम ब्रांच के डीएसपी जगबीर सिंह, एसआई अशोक कुमार पुलिस पार्टी समेत सेक्टर-9 की मार्केट में पहुंच गए।
वहां पहुंचते ही भट्टी की नजर डीएसपी जगबीर सिंह पर पड़ी और उन्हें देखते ही वह भागने लगा। पुलिसकर्मियों ने उसका पीछा शुरू कर दिया। थोड़ा आगे जाने के बाद भट्टी ने पुलिस पार्टी पर फायर कर दिया। इसके बाद उसने फिर पुलिस टीम पर फायर का प्रयास किया, लेकिन गोली नहीं चली। इसी दौरान पुलिस ने उसे सिटको आफिस की बिल्डिंग के पास दबोच लिया था।

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