मुंबई
महाराष्ट्र के पालघर जिले के नालासोपारा में जब्त किए गए विस्फोटकों के सिलसिले में गिरफ्तार आरोपी कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे। इसका खुलासा महाराष्ट्र एटीएस ने किया। इसके एक अधिकारी ने बताया कि एक-दूसरे से संवाद करने के लिए सनातन संस्था के सदस्य ‘विष्णु’ और ‘वामन’ जैसे कोड नामों का इस्तेमाल करते थे। यही नहीं गिरफ्तार किए गए एक आरोपी ने एटीएस को बताया कि वह 20 अगस्त 2013 को तर्कवादी नरेन्द्र दाभोलकर पर गोलीबारी में सीधे तौर बता दें कि महाराष्ट्र एटीएस ने पालघर और पुणे जिलों में भारी संख्या में बम और हथियार जब्त करने के सिलसिले में 10 अगस्त को तीन लोग वैभव राउत, शरद कालसकर और सुधन्वा गोंधालेकर को गिरफ्तार किया। अधिकारी ने बताया कि कालसकर का कोड नाम ‘विष्णु’, वैभव राउत का उपनाम ‘वामन’ और गोनधलेकर को ‘पांडेजी’ के नाम से बुलाया जाता था।
10 अगस्त को किया था गिरफ्तार
महाराष्ट्र में दहशत फैलाने के आरोप में एटीएस टीम ने हाल ही में सचिन अंदुरे और नगर निगम के पूर्व पार्षद श्रीकांत पंगरकर को भी अरेस्ट किया था। एटीएम उनसे लगातार पूछताछ कर रही है। गौरतलब है कि 10 अगस्त को एटीएस ने सनातन संस्था से जुड़े सदस्य वैभव राउत के नालासोपारा स्थित बंगले से 20 निष्क्रिय बम, ज्वलनशील पदार्थ, दो बोतल जहर और कुछ दस्तावेज बरामद किए थे।
इस मामले में 25 साल के शरद कालसकर को नालासोपारा से गिरफ्तार किया गया था, वहीं 30 साल के सुन्धवा गोंधालेकर को पुणे में पकड़ा गया था। इसके बाद गोंधालेकर एटीएस टीम को पुणे एक गोदाम में ले गया, जहां अवैध रूप से हथियार रखे गए थे। इन हथियारों और बारूदों से राज्य में कथित रूप से आतंकी घटना को अंजाम देने की मंशा थी।
डायरी से मिले सुराग
सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु एसआईटी को अमोल काले के पास से एक डायरी मिली, जिसमें 26 संदिग्धों के नाम थे। उनसे पूछताछ के बाद दाभोलकर हत्याकांड के बारे में कई अहम जानकारियां हाथ लगीं, जिसके बारे में महाराष्ट्र एटीएस को बताया गया। उसके बाद एटीएस ने वैभव राउत, शरद कालसकर और सुधन्वा गोंधालेकर को अरेस्ट किया था। कालसकर ने दाभोलकर की हत्या में अपना और सचिन अंदुरे का हाथ होने की बात कबूल की थी।
हो रही समानांतर जांच
गौरी लंकेश की हत्या की जांच बेंगलुरु एसआईटी कर रही है। वहीं दाभोलकर हत्याकांड की जांच सीबीआई के पास है। गौरी, दाभोलकर, पानसरे और कलबुर्गी की हत्याओं की समानांतर जांच महाराष्ट्र एटीएस भी कर रही है। गौरी लंकेश की 5 सितंबर 2017 को बेंगलुरु में हत्या की गई थी। जबकि दाभोलकर की 20 अगस्त 2013 को पुणे में मॉर्निंग वॉक के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच के दौरान बेंगलुरु एसआईटी ने करीब 200 संदिग्धों की कॉल डिटेल्स की पड़ताल की। उसी के आधार पर केटी नवीन कुमार को अरेस्ट किया गया। बाद में अमित देगवेकर को गोवा से और अमोल काले को पुणे के पिंपरी-चिंचवाड़ से पकड़ा गया।