Thursday, October 24metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

पुणे पुलिस को राहत, चार्जशीट दायर करने के लिए मिले 90 दिन

पुणे
भीमा कोरेगांव हिंसा में हिंसा के मामले में पुणे पुलिस को बड़ी राहत मिली है। पुणे सेशन्स कोर्ट ने मामले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर करने के लिए पुणे पुलिस को 90 दिन का अतिरिक्त समय दिया है।
बता दें कि पुणे पुलिस ने 6 जून को सुरेंद्र गाडलिंग, शोमा सेन, महेश राउत, सुधीर धवले और रोना विल्सन को भीमा कोरेगांव में हिंसा के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इनमें सुरेंद्र गाडलिंग की पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट से मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश की है और इसको लेकर एक याचिका दायर की है। सुरेंद्र की पत्नी मीनल गाडलिंग का आरोप है कि इन सभी को मामले में फंसाया जा रहा है जबकि उनकी इस हिंसा में कोई भागीदारी नहीं थी।

पुणे पुलिस ने इन पांचों आरोपियों को माओवादियों के साथ निकट संबंध होने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) ऐक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। मामले में जनवरी में एक एफआईआर दर्ज की गई थी और मार्च में कुछ और धाराएं जोड़ी गई थीं।
भीमा-कोरेगांव में जनवरी महीने में हुई हिंसा में इन पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ था। पुणे पुलिस को इनमें से एक आरोपी के घर से ऐसा पत्र मिला था जिसमें राजीव गांधी की हत्या जैसी प्लानिंग का ही जिक्र किया गया था। इस पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की बात भी कही गई थी। इसके बाद इसी हफ्ते मंगलवार को देशभर के कई शहरों मुंबई, रांची, हैदराबाद, फरीदाबाद, दिल्ली और ठाणे में पुणे पुलिस ने छापेमारी की थी।

28 अगस्त को पुणे पुलिस ने की थी देश के कई हिस्सों में छापेमारी
मंगलवार को पांच महीने में दूसरी बार पुणे पुलिस ने देशभर के कथित नक्सल समर्थकों के घरों व कार्यालयों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में छापे के बाद कवि वरवरा राव, अरुण परेरा, गौतम नवलखा, वेरनोन गोन्जाल्विस और सुधा भारद्वाज को गिरफ्तार किया गया था। सभी आरोपियों पर सेक्शन 153 A, 505(1) B, 117, 120B, 13, 16, 18, 20, 38, 39, 40 और UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम ऐक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया था कि भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के संबंध में 28 अगस्त को गिरफ्तार किए गए पांच कार्यकर्ताओं को छह सितंबर तक उनके घर में ही नजरबंद रखा जाए।

Spread the love