मुंबई: परेल के क्रिस्टल टावर में इलेक्ट्रिक सर्किट में खराबी के चलते आग लगी थी। वायर की चिंगारी के ज्वलनशील पदार्थ के संपर्क में आने से यह हादसा हुआ। मुंबई फायर ब्रिगेड द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वायर वाले खुले शाफ्ट के बाहर लकड़ी वगैरह होने से आग तेजी से बढ़ गई। लकड़ी की फॉल्स सीलिंग और जूते के रैक ने भी आग बढ़ा दी। रिपोर्ट में वॉर्ड ऑफिस द्वारा बिल्डिंग की आंतरिक जांच की सिफारिश की गई है। फायर सेफ्टी की शर्तें पूरी किए बिना बिल्डिंग को ओसी (ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट) न देने को कहा गया है। इसके अलावा, बिल्डिंग में कई तरह की अनियमितताएं पाई गईं। पार्किंग और सीढ़ियों पर अवैध तरीके से भंगार रखा हुआ था, प्रमुख स्थलों पर अग्निशमन यंत्र भी उपलब्ध नहीं कराए गए थे।
मानवीय लापरवाही से हुआ था क्रिस्टल हादसा
