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मीरा-भाईंदर मनपा मिटाना चाहती है शहीदों के निशान

पांच साल बाद याद आया, कुछ और रखा था चौराहे का नाम
मीरारोड : एक तरफ मीरा-भाईंदर मनपा (एमबीएमसी) शहीद मेजर कौस्तुभ राणे का स्मारक बनाने का आश्वासन दे रही है, वहीं दूसरी तरफ 26/11 के शहीदों की याद में बने ‘अमर जवान चौक’ का नाम बदलकर ‘जाफरी सायगी चौक’ कर दिया है। मनपा के इस रवैये से स्थानीय लोगो में रोष व्याप्त है और वे इसे 26/11 के शहीदों का अपमान बता रहे हैं।
मामला यह है कि वर्ष 2006-07 में मीरारोड के अय्यप्पा मंदिर स्थित चौक का नाम ‘जाफरी सायगी चौक’ कर दिया गया था, लेकिन तब स्थानीय लोगों के विरोध के कारण चौक का निर्माण नहीं कराया गया और उसे रोक दिया गया। इसके बाद 26 दिसंबर 2012 को मनपा ने एक करार करते हुए नित्यानंद पांडे को उपरोक्त चौक निर्माण की इजाजत दी। नित्यानंद पांडे बताते हैं कि 26/11 के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए उन्होंने इस चौक का नाम ‘अमर जवान चौक’ करने की मांग की थी, जिसे मौखिक रूप से मान लिया गया था और आश्वस्त किया गया था कि महासभा में प्रस्ताव लाकर इसे पारित करा कर कानूनी अमलीजामा पहना दिया जाएगा।
इस आश्वासन के बाद वर्ष 2013 में चौक का निर्माण और उद्‌घाटन हुआ और इसका नाम ‘अमर जवान चौक’ रखा गया। चौक का भूमिपूजन शहीद हेमंत करकरे की पत्नी कविता करकरे के हाथों हुआ था और चौक के उद्‌घाटन कार्यक्रम में शहीद उन्नीकृष्णन के माता-पिता सहित 14 शहीदों के परिवार आए थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथियों में ऑल इंडिया ऐंटि टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष एम.एस बिट्टा भी थे। अब मनपा ने अपना सुर बदल लिया है और चौक के नामकरण को लेकर वर्ष 2006-07 को महासभा में पारित प्रस्ताव का हवाला दे रही है। मीरा भाईंदर मनपा ‘अमर जवान चौक’ का यह नाम पट्ट बदलना चाहती है।
नित्यानंद पांडेय ने स्मारक पर एक बिल्डर का नाम भी लिखा था, जो नियमानुसार गलत था। नियमों के तहत कार्रवाई की गई है। मनपा की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मनपा को कुछ करने से पहले लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।

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