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पेट्रोल-डीजल में चाहिए राहत? कच्चे तेल में 5 डॉलर प्रति बैरल कमी की करें प्रार्थना

पेट्रोल-डीजल की कीमत कम होकर दोबारा 1 अगस्त के स्तर पर आए इसके लिए कच्चे तेल की कीमत में 5 डॉलर प्रति बैरल गिरावट की जरूरत है, क्योंकि रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले अभी 72 के आसपास ही रहने की संभावना है। 1 अगस्त को दिल्ली में पेट्रोल 76.31 रुपये प्रति लीटर और डीजल 67.82 रुपये प्रति लीटर था। तेल कंपनियों के अधिकारियों और विदेशी मुद्रा डीलर्स के मुताबिक, 1 अगस्त से अब तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हुई वृद्धि में 2.50 रुपये का योगदान रुपये में गिरावट का है। रुपया बहुत तेजी से अभी वापसी नहीं कर पाएगा।
केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी में कमी से इनकार कर चुकी है, इसलिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी के लिए कच्चे तेल में नरमी होनी चाहिए या फिर राज्य सरकारें वैट में 2.50 रुपये की कमी करें।
एक तेल कंपनी के लिए ग्लोबल ट्रेडिंग का काम संभालने वाले एक अधिकारी ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया, ‘तेल की कीमतों में 2.50 रुपये की वृद्धि रुपये में गिरावट की वजह से हुई है। 1 अगस्त से कच्चा तेल 1-3 डॉलर ऊपर-नीचे हुआ है। विदेशी मुद्रा बाजार आउटलुक के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 1 अगस्त के स्तर तक कम करने के लिए कच्चे तेल में 5 डॉलर प्रति बैरल गिरावट की आवश्यकता है।’
1 अगस्त से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि के लिए रुपये की कमजोरी क्रमश: 56 और 50 फीसदी जिम्मेदार है। डॉलर के मामले में भारतीय बास्केट 3% महंगा हो गया है। पिछले 40 दिनों में तेल आयात की कीमत में तीन गुना इजाफा हो चुका है।

इसका असर पेट्रोल पंप पर दिख रहा है। 16 अगस्त से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफे की वजह से तेल रेकॉर्ड महंगाई पर है। दिल्ली में पेट्रोल 80.87 रुपये लीटर और डीजल 72.97 रुपये लीटर है। मुंबई और कुछ अन्य शहरों में पेट्रोल 90 रुपये प्रति लीटर होने को बेताब है।

सोमवार को सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक्साइड ड्यूटी में कटौती की संभावना से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि एक्साइज ट्यूटी में 1 रुपये की कमी से केंद्र के राजस्व में करीब 14 हजार करोड़ रुपये की कमी आएगी।

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