मेरठ : सहारनपुर जेल से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर उर्फ रावण की रिहाई के बाद शुक्रवार को दलितों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। रावण के घर पर जमा कार्यकर्ताओं ने नीले रंग की होली खेली। रावण के संघर्ष करने का आह्वान किया और साथ देने का भरोसा दिया। हालांकि रावण ने जोश से भरपूर समर्थकों को स्वागत करने से रोका। कहा कि अब बहुजन समाज की सेवा मे जुटने और अधूरे मिशन को पूरा करने के तैयार रहे। रावण की रिहाई की खबर के बाद रात में ही जोश से भरपूर समर्थक जेल के बाहर पहुंच गए थे। रिहाई के बाद जुलूस के तौर पर रावण को गांव ले गए। शुक्रवार को दिनभर आसपास के जिलों के साथ उत्तराखंड के समर्थक भी मिलने पहुंचे। ज्यादातर समर्थक नीले रंग के कपड़े पहने थे। नीले रंग लेकर होली खेल रहे थे। वहीं, चंद्रशेखर की मां का कहना है कि बेटे की रिहाई की बात सुनकर उसे एकबारगी यकीन नहीं हुआ। जब सीएम को टीवी पर सुना कि चंद्रशेखर की रिहाई कर रहे हैं तब भरोसा आया। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर दबे-कुचले की आवाज उठा रहा है।
जेल से रिहा होने के कुछ घंटों बाद भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को कहा कि वह सुनिश्चत करेगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की 2019 के लोकसभा चुनावों में हार हो। आजाद को पिछले साल आठ जून को हिमाचल प्रदेश के डलहौजी से गिरफ्तार किया गया था। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में पांच मई को हुई हिंसा के सिलसिले में उसकी गिरफ्तारी हुई थी। इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई थी जबकि 16 अन्य घायल हुए थे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दो नवंबर 2017 को उसे जमानत दे दी थी। पुलिस ने हालांकि उसकी रिहाई से कुछ दिनों पहले ही उसके खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज कर दिया। उसे रासुका के तहत एक नवंबर तक हिरासत में रखा जाना था। उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने लखनऊ में गुरुवार को कहा, ‘चंद्रशेखर की मां के प्रतिवेदन के बाद, उसे जल्दी रिहा करने का फैसला लिया गया।