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अध्यक्ष संजय निरुपम कहा ने IL&FS को बचाने के लिए जनता का पैसा न फंसाए सरकार

मुंबई, 90 हजार करोड़ रुपये के घाटे और 3500 करोड़ रुपये के कर्ज में फंसी सरकारी क्षेत्र के वित्तीय संस्था आईएल ऐंड एफएस को बचाने के लिए सरकार जनता का पैसा दांव पर न लगाएं। यह मांग मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने की है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में निरुपम ने कहा कि सरकार इस डूबती संस्था को बचाने के लिए एलआईसी, सेंट्रल बैंक और एसबीआई जैसे सार्वजनिक संस्थानों में जमा आम जनता का पैसा दांव पर लगाने जा रही है। उन्होंने कहा कि एलआईसी, सेंट्रल बैंक और एसबीआई में छोटे, मध्यवर्ग के निवेशकों का पैसा बड़ी मात्रा में लगा है और आईएल ऐंड एफएस एक डूबता हुआ वित्तीय संस्थान है। निरुपम ने कहा कि आईएल ऐंड एफएस की खराब वित्तीय हालत के लिए सीधे-सीधे मोदी सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि पिछले तीन साल में कंपनी का कर्ज 44 प्रतिशत बढ़ा है और मुनाफा 900 प्रतिशत घटा है।
‘समय पर चेत जाते तो नहीं होती यह हालत’
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और उनका वित्त मंत्रालय अगर समय पर चेत गए होते, तो आज यह हालत नहीं होती। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने तीन साल पहले ही सरकार को इस बारे में आगाह किया था कि आईएल ऐंड एफएस में वित्तीय गड़बड़ है। बावजूद इसके केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क परियोजनाओं में और ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बिजली परियोजनाओं में पैसा लगाने के लिए आईएल ऐंड एफएस को मजबूर किया। अब जब यह कंपनी डूब रही है, तो सरकार इसमें एलआईसी, सेंट्रल बैंक और एसबीआई से पैसे लगाने को कह रही है, जबकि इससे आम आदमी के पैसे डूबने का खतरा है।

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