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मां-पिता और बहन को चाकू और कैंची घोंपकर मार डाला, आरोपी बेटा गिरफ्तार

दिल्ली, वसंत कुंज के किशनगढ़ इलाके में एक ही परिवार के तीन लोगों की चाकू गोदकर हत्या के मामले में 19 साल के आरोपी बेटे सूरज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक सुबह के करीब 5.30 बजे पुलिस को पहली कॉल आई औऱ उन्हें यह जानकारी दी गई कि मिथिलेश कुमार के घर में लुटेरे घुस आए हैं. सूचना मिलते ही पुलिस की टीम तुरंत मौके पर पहुंची. वहां पहुंच कर पुलिस ने देखा कि मिथिलेश कुमार, उनकी पत्नी सिया और बेटी नेहा की लाश जमीन पर पड़ी हुई है और घर में चारों तरफ सामान बिखरा पड़ा है.
पुलिस को सूरज पर हुआ शक
सूरज ने पुलिस को बताया कि उसके घर में दो लोग लूट के इरादे से घुसे और वही लोग उसके परिवार की हत्या कर भाग गए. पुलिस ने जांच शुरू की तो देखा कि घर का सामान बिखरा है लेकिन कोई भी कीमती चीज गायब नहीं है. इलके अलावा जांच में ये भी पता लगा कि घर का मेन दरवाजा और बाहर का गेट अंदर से बंद थे, जिसे सूरज ने अंदर से पड़ोसी को चाभी देकर खुलवाया. सूरज ने पुलिस को गुमराह करने के लिए कहा कि दोनों आरोपी घर से कूदकर भागे हैं. पुलिस को सूरज की पर शक हो गया और जब उससे पूछताछ की तो वो धीरे-धीरे पुलिस के सवालों में फंसता चला गया.
पलंग के नीचे से मिला हत्या में इस्तेमाल चाकू
सूरज से सवाल करते हुए पुलिस के हाथ एक ऐसा सुराग लग गया जिससे हत्या की पूरी गुत्थी सुलझ गई. पुलिस को ह्त्या में इस्तेमाल चाकू मिल गया, जिसे एक बेड के नीचे छिपाया गया था. चाकू को बाथरूम में साफ करने की भी कोशिश की गई थी. इसके बाद पुलिस ने सूरज से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना गुनाह कुबूल कर लिया
सूरज ने बताया, कैसे दिया घटना को अंजाम
9 अक्टूबर मंगलवार की शाम करीब 6 बजे सूरज ने दो सौ रुपयों में एक बड़ा चाकू और कैंची खरीदी, इसके बाद सूरज ने अपने परिवार के सोने का इंतजार किया. रात करीब तीन बजे सूरज ने सबसे पहले अपने पिता पर हमला किया और उन पर चाकू से पांच वार किए. इसके बाद उसने साथ में सो रही अपनी मां पर चाकू से वार किया. तभी सूरज को अपनी की आवाज आ गई तो वो घायल मां को छोड़ बहन के पास गया और उसका गला रेंत दिया और इसके बाद उसपर कई वार किए.
इसके बाद सूरज ने अपनी मां की हत्या की और फिर बाथरूम में जाकर चाकू साफ किया और बेड के नीचे फेंक दिया. इसके बाद सूरज ने घर का सामान बिखेरा और करीब 5:30 बजे उसने शोर मचाकर पड़ोसियों को बताया.
रच चुका था अपनी ही किडनैपिंग की झूठी साजिश
पूछताछ में सूरज ने बताया कि हमेशा उस पर नजर रखी जाता थी और उसे घर से बाहर नहीं जाने दिया था. उसने बताया कि ना तो वो दोस्तों के घर जा सकता था ना ही उसके दोस्त घश्रऱ पर आ सकते थे. दरअसल सूरज दो साल पहले बारहवीं में फेल हो गया था, जब से परिवार के लोग उस पर सख्ती करने लगे थे. इसके बाद एक बार सूरज घर से भाग गया, बाद में उसने खुद ही अपने घर फोन करके अपनी किडनैपिंग की झूठी कहानी बना कर फिरौती वसूलने की कोशिश की थी, इसके बाद से सूरज के घरवाले उसे घर से बाहर नहीं जाने देते थे.
इस तिहरे हत्याकांड पुलिस ने घटना की जांच से लिए 8 टीमें बनाई थीं. इस मामले में पुलिस को शुरू से ही घर के किसी व्यक्ति पर शक था. क्योकि घटना में परिवार के अन्य तीन सदस्य मृत पाए गए जबकि बेटे के सिर्फ हाथ में चोट लगी थी. वहीं घर के समान अपनी जगह थे और लॉकर तक को हाथ नहीं लगाया गया था. यानी यह हत्या लूटपाट के लिए नहीं बल्कि किन्हीं और कारणों से की गई थी.

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