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एटीएम सेंटरों से डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स क्लोन के मामले, पंपों पर कार्ड से पेमेंट करते हुए रहें सतर्क

मुंबई: एटीएम सेंटरों से डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स क्लोन के मामले जब-तब पुलिस के पास पहुंचते रहे हैं, पर अब पेट्रोल पंपों पर भी ग्राहकों के कार्ड्स की डिटेल चोरी होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के प्रॉपर्टी सेल ने दो दिन पहले इस केस में देश के अलग-अलग शहरों से छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। इनमें से कोलावोले हकीम उर्फ आदीगुन नामक एक नाइजीरियन भी है।
लैपटॉप्स सहित अन्य सामग्री जब्त
सीनियर इंस्पेक्टर सुनील बाजारे और लक्ष्मीकांत सालुंके की टीम ने इन आरोपियों के पास से 10 मोबाइल, 97 डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स, एक स्कीमर मशीन, एक मिनी डेटा कलेक्टर मशीन के अलावा चोरी हो रहे डेबिट कार्ड्स के डिटेल, पूरे देश में फैला है कार्ड क्लोनिंग का रैकेट
चार लैपटॉप्स भी जब्त किए हैं। इन लैपटॉप्स में हजार से ज्यादा डेबिट/ क्रेडिट कार्ड्स की डिटेल के साथ उनके पिन नंबर भी लिखे हुए थे। ये पिन नंबर और कार्ड्स की अन्य जानकारी उन्हें महाराष्ट्र के कुछ अलग-अलग पेट्रोल पंपों के कुछ कर्मचारियों से मिली थी।
जिस वक्त गाड़ी मालिक द्वारा अपने कार्ड का पिन नंबर टाइप किया जाता है, पेट्रोल पंप पर इस रैकेट से जुड़े लोग संबंधित गाड़ी के ठीक पीछे किसी न किसी बहाने घूमते रहते हैं। वे लोग कार्ड का पिन नंबर देख लेते हैं और फिर उसे किसी को वाट्सऐप या एसएमएस करने के बहाने अपने मोबाइल पर टाइप कर लेते हैं। इस बीच, क्लोन मशीन से भी संबंधित ग्राहक के मूल कार्ड का डेटा एक खास साफ्टवेयर से डुप्लिकेट कार्ड्स में ट्रांसफर कर दिया जाता है। पिन नंबर और डुप्लिकेट कार्ड्स को आदीगुन नामक नाइजीरियन अपने रैकेट से जुड़े लोगों को दे देता है। इन कार्ड्स से कभी किसी एटीएम सेंटर से रकम विद्ड्रा की जाती है, तो कभी किसी दुकानदार को 40 प्रतिशत तक मोटा कमिशन देकर उसकी स्वाइप मशीन से ट्रांजैक्शन होता है। क्राइम ब्रांच ने चिपलून के एक ऐसे ही दुकानदार कस्तूराराम सोलंकी को भी गिरफ्तार किया है, जिसने नागपाड़ा के एक युवक के कार्ड से वहां खरीदारी दिखाई थी।

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