तीन साल की उम्र में घर वालों ने तय कर दी थी. लड़की ने पढ़ाई की और सीए बन गई. अब वह अपने फैसले लेने को आजाद थी. उसने बचपन में हुई सगाई को ठुकरा दिया तो पंचों ने पंचायत बुलाकर परिवार को समाज से बहिष्कृत करने और लाखों का जुर्माना भरने का फरमान सुना दिया. इन सबसे परेशान 20 साल की युवती ने जहर खा लिया.
हालांकि उसकी जान बच गई और अब वह ठीक है. यह घटना राजस्थान के जोधपुर जिले की है. शिकायत करने के बावजूद पुलिस ने मदद नहीं की तो पीड़िता दिव्या चौधरी ने थाने में जाकर जहर खाकर जान देने की कोशिश की. अस्पताल में भर्ती पीड़ित लड़की अब खतरे से बाहर है. उसने पंचायत में शामिल 5 लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है.
उसने अपनी शिकायत में कहा, ‘घर वालों ने बताया था कि उसकी सगाई 3 साल की उम्र में हो गई थी. जब वह बड़ी हो गई और पढ़ लिख कर अपना करियर बनाने लगी तो लड़के के घर वाले उस पर शादी के लिए दबाव बनाने लगे .शुरू में वह इन बातों को इग्नोर करती रही और उनके घर वाले भी टालते रहे, लेकिन बाद में जाति पंचायत बैठी और परिवार पर 16 लाख रुपए का जुर्माना लगाते हुए माफी मांगने की शर्त रखी गई. जब हमने पैसे नहीं दिए तो फिर पंचायत बुलाकर 20 लाख रुपये की मांग की गई . इस सब से तंग आकर मैंने आत्महत्या की सोची. पुलिस कोई मदद नही कर रही थी.’
पंचों ने युवती से पुलिस में की शिकायत को वापस लेने तथा इसके बाद और जुर्माना लगाने का आदेश दिया था. पंचों के आदेश से युवती दिव्या चौधरी इतनी परेशान हुई कि उसने जोधपुर जिले के बनाड़ थाने में पुलिस के सामने ही जहर खा लिया. युवती को गंभीर हालत में स्थानीय एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
पुलिस कर रही मामले की जांच
आरोपियों की सूची में गांव के सरपंच और जिला प्रमुख के पिता प्रभुराम ढ़ोचक भी शामिल हैं. जोधपुर के जिला प्रमुख पूनाराम चौधरी का कहना है कि पंचायत में उनके पिता अकेले नहीं थे, 50 लोग और भी थे और वे सब लड़की और लड़के घरवालों का काउंसलिंग कर रहे थे कि वे आपस में झगड़ा नहीं करें.
जोधपुर पुलिस कमिश्नर आलोक वशिष्ठ ने इस मामले में जांच अधिकारी को बदलते हुए इन्वेस्टिगेशन एसीपी नारायण सिंह को दे दी है और मामले की मॉनिटरिंग खुद करेंगे.
जिले के नैणों की ढाणी शिकारगढ़ निवासी पूराराम चौधरी ने अपनी बेटी दिव्या चौधरी की सगाई पाल रोड, थोरियों की ढाणी निवासी बंशीलाल के पुत्र जीवराज के साथ तब ही तय कर दी थी, जब उनके बेटी की उम्र महज तीन साल थी. पिछले चार माह से युवती व उसके परिवार पर पंचों तथा युवक के परिवार की ओर से शादी का दबाव बनाया जा रहा था.
लेकिन पीड़िता दिव्या चौधरी पढ़ने में काफी ठीक और मेहनती थी. वह तीन महीने पहले ही सीए बनी है, इसलिए अच्छे करियर के लिए घर से बाहर निकलना चाहती थी.