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धधक रहा डंपिंग ग्राउंड, जहरीले धुएं से फैल रही हैं बीमारियां

वसई, वसई पूर्व के भोयदापाडा स्थित गोखिवरे डंपिंग ग्राउंड तेज धूम और गर्मी के बीच पिछले कई दिनों से सुलग रहा है। यहां आसपास रहने वाले लोगों के लिए हर दिन मुश्किल और हर रात भारी पड़ रही है। शहर का कचरा शहर के ही लोगों को बीमारियों के मुंह में धकेल रहा है। यहां की जनता का दुर्भाग्य है कि सालों से अधर में लटकी डंपिंग प्रक्रिया आज भी जस की तस है। वसई-विरार शहर मनपा द्वारा वसई पूर्व के भोयदापाडा स्थित गोखिवरे में बनाए गए एक मात्र डंपिंग ग्राउंड में हर रोज सौ ट्रक यानी करीब 600 टन कचरा डाला जाता है। ग्राउंड में जमा कचरे से पहाड़ बन गया है। यहां कचरा कई सालों से बार-बार धधक उठता है।
दोपहर के समय मनपा के कर्मचारी टैंकरों से पानी डाल कर आग बुझाते और नया कचरा डंप करते हैं, लेकिन रात को फिर से आग सुलग जाती है। सुलगते कचरे से निकलने वाले जहरीले धुएं से आसपास के लोगों में सांस लेने में तकलीफ, दमा, खांसी, टीबी, आंखों में जलन, पेट दर्द, उल्टी जैसी बीमारियां तेजी से पांव पसार रही हैं। दूसरी ओर मनपा की गीला कचरा और सूखा कचरा सुधार प्रक्रिया के अधर में होने की वजह से फिलहाल कोई राहत नजर नहीं आ रही है। इसे लेकर वसई में रह रहे लाखों लोगों की चिंता धीरे-धीरे बढ़ने लगी है।
खतरे में नौनिहालों का स्वास्थ्य
सुलगते डंपिंग ग्राउंड के बगल ही भोयदापाडा का जिला परिषद का स्कूल है। पहली से आठवीं कक्षा तक के इस स्कूल में लगभग 3 सौ बच्चे पढ़ते है। हवा के रुख के साथ जब ग्राउंड का धुआं स्कूल की दिशा में घूमता है, तो स्कूल के कमरों में भी भर जाता है। इससे यहां पढ़ने वाले बच्चों को सांस लेने की समस्या होने लगती है। दूसरा कोई विकल्प न होने की वजह से मजबूरन इन्हें इस खतरे को झेलना पड़ रहा है।
डंपिंग के धुएं से हम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। यह समस्या पिछले 7-8 सालों से है। धुएं से गले में दर्द व आंखों में जलन होती है।
बुजुर्गों, छोटे बच्चों व महिलाओं पर बुरा असर
डंपिंग ग्राउंड के पास का इलाका झोपड़पट्टी बहुल क्षेत्र है। यहां गरीब, ग्रामीण व मजदूर अधिक संख्या में हैं। ज्यादातर बुजुर्ग, छोटे बच्चे व महिलाएं घर पर ही रहते हैं, जिससे वे बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। वहीं, जमा कचरे का पानी व धुएं के कारण आसपास के जंगलों व पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है।
सालों से अधर में डंपिंग सुधार प्रक्रिया
वसई-विरार शहर मनपा क्षेत्र का यह एक मात्र डंपिंग ग्राउंड है। यहां रोजाना 600 टन कचरा डाला जाता है। पिछले पांच सालों में यहां लगभग 12 लाख 65 हजार टन कचरा जमा किया गया है। लेकिन कचरे को डीकम्पोस्ट, सैनिटरी लैंड एंड फिलिंग, खाद एवं बायोमिथाइन गैस जैसी प्रक्रिया आज भी अधर में है। स्वच्छता अभियान पर लाखों रुपये खर्च करने के वाली मनपा का सारा कामकाज सिर्फ कागजों पर होता है, जमीनी हकीकत कुछ और है। मनपा कर्मचारी भी इससे अछूते नहीं है। लापरवाह मनपा अपने कर्मचारियों से बिना सेफ्टी किट से काम करवा रही है।

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