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10 हजार किसान फसल बीमा के लाभ से वंचित

मुंबई, महाराष्ट्र के दो सूखाग्रस्त इलाकों में आधार कार्ड ना होने के कारण करीब 10 हजार किसानों को फसल बीमा योजना की क्लेम राशि का भुगतान नहीं हो सका है। करीब 13 करोड़ की क्लेम राशि को लेकर 10322 किसान बीते एक साल से इंतजार कर रहे हैं, खाते से आधार कार्ड लिंक ना होने के कारण इन सभी को इंश्योरेंस की राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिन किसानों को क्लेम का भुगतान नहीं हो पाया है उनमें 9960 किसान बीड और 362 किसान अहमदनगर जिले के निवासी हैं।
किसानों के इस रिजेक्ट हुए क्लेम का विवरण युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद है, जिसमें बीमा कंपनी ने किसानों को सेटलमेंट के लिए जरूरी कागजात जमा करने के निर्देश दिए हैं। इससे पूर्व किसानों ने साल 2017 में खरीफ की फसल के लिए संबंधित कॉमन सर्विस सेंटर और ऑनलाइन तरीकों से क्लेम की राशि के लिए आवेदन किया था और इन सभी लोगों को बीमा राशि के क्लेम का भुगतान सीधे इनके खाते में किया जाना था। लेकिन आधार कार्ड से खाता लिंक ना होने के कारण इन सभी को क्लेम की राशि नहीं मिल सकी।
अब तक पांच करोड़ की राशि का भुगतान: कपंनी
वहीं बीमा कंपनी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि सूखा प्रभावित दो जिलों में करीब 18 करोड़ रुपये की राशि के लिए क्लेम ऐप्लिकेशंस मिली थीं, जिनमें से अब तक करीब 5 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है। इसके अलावा शेष 13 करोड़ रुपये की राशि के भुगतान के लिए कार्रवाई पूरी की जा रही है और हर रोज 30-40 किसानों की पेमेंट्स को क्लियर कराया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने खत्म की आधार की अनिवार्यता
बता दें कि पूर्व निर्धारित प्रावधानों में किसानों को फसल के लिए लोन लेते समय अनिवार्य रूप से फसल बीमा योजना में भी नामांकन कराना होता था। इसके लिए पहले आधार कार्ड की अनिवार्यता होती थी और आवेदन के वक्त आधार कार्ड ना होने पर ऐप्लिकेशन फॉर्म को स्वीकार नहीं किया जाता था। हालांकि सितंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में आधार को लोकहित की योजनाओं का लाभ लेने के लिए गैर जरूरी बताया गया था। अपने इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि किसी भी व्यक्ति को सिर्फ आधार कार्ड ना होने के वजह से सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता है।

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