मुंबई, दरवाजा खुलते ही स्वचालित फ्लश होने वाला शौचालय, पांच बार उपयोग के बाद स्वचालित तरीके से फ्लोर साफ हो जाएगा। इसमें कई अतिरिक्त इंटिग्रेटेड सिस्टम और सेंसर भी शामिल हैं। इस तरह की स्मार्ट सुविधाओं वाले टॉइलेट ट्रेन क्रमांक 11013 एलटीटी-कोयम्बटूर एक्सप्रेस ट्रेन के 3 एसी कोच में लगाए गए हैं। भारतीय रेलवे में पहली बार ऐसा प्रयोग होने जा रहा है। पायलेट प्रॉजेक्ट के रूप में इसे लगाया गया है, यात्रियों के फीडबैक के बाद अन्य ट्रेनों में लगाने का फैसला लिया जाएगा।
ई-शौचालय इलेक्ट्रॉनिक रूप से कार्य करने वाले शौचालय हैं। इसमें फ्लशिंग को संचालित करना सरल होता है। शौचालय के दरवाजे के खुलने मात्र से शौचालय पैन स्वचालित रूप से फ्लश हो जाता है। एक बटन प्रेस करने मात्र से आसानी से फ्लशिंग सुनिश्चित करता है। प्रेशरराइज्ड फ्लशिंग टॉइलेट पैन में एकीकृत दबाव नोजल के माध्यम से सुनिश्चित की जाती है। इसकी आंतरिक संरचना में प्लास्टिक रीसाइकलिंग क्राइबी शीट उपयोग किया गया है। ये चादरें उच्च ताप देकर खाली टूथपेस्ट, कॉस्मेटिक ट्यूबों के खाली कचरे, प्लास्टिक कचरे और खाली टेट्रैपैक से बनाई जाती हैं।
गेटवे ऑफ इंडिया के सामने बीएमसी ने पहला ई-टॉइलेट शुरू किया है। तीन सीटर टॉइलेट में पांच रुपये का सिक्का डालने पर दरवाजे तुरंत खुल जाएंगे। पांच बार उपयोग करने के बाद इसका फर्श अपने आप साफ हो जाएगा। गेटवे ऑफ इंडिया पर आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए यह काफी कारगर साबित होगा।