मुंबई: पाकिस्तान द्वारा 26/11 को मुंबई पर करवाए गए हमले को दस साल पूरे हो रहे हैं। इस केस में अजमल कसाब को फांसी पर भी लटकाया जा चुका है। पर जिस सरगना ने पाकिस्तान में कसाब और मुंबई आए अन्य फिदायीन को हिंदी सिखाई थी, उस अबू जुंदाल पर मुकदमा अभी रुका हुआ है। इस केस में एनआईए ने डेविड हेडली को भी आरोपी बनाया था। बाद में वह अप्रूवर बन गया। यदि मुकदमे के दौरान आरोप साबित हो गए, तो संभव है जुंदाल को कसाब की तरह ही फांसी की सजा मिले। जुंदाल पर एक आरोप यह भी है कि दस साल पहले मुंबई में दस फिदायीन के घुसने के बाद उन्हें पाकिस्तान कंट्रोल रूम से जिन लोगों द्वारा निर्देश दिए जा रहे थे, उनमें से एक खुद जुंदाल भी था।
भारत में दो मुकदमे
26/11 पर भारत में दरअसल दो मुकदमे हुए। एक मुकदमा मुंबई क्राइम ब्रांच द्वारा लड़ा गया। इसमें अबू जुंदाल और डेविड हेडली दोनों ही आरोपी नहीं हैं। दूसरा मुकदमा एनआईए द्वारा लड़ा जा रहा है, जिसमें हेडली ने अप्रूवर बनते ही अमेरिका से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मुंबई की निचली अदालत में अपना गुनाह कबूल कर लिया था। लेकिन चूंकि वह अप्रूवर है, इसलिए एनआईए की सिफारिश पर अदालत उसे सजा नहीं सुनाएगी। हालांकि 26/11 केस में अमेरिका में दोषी पाए जाने की वजह से वह वहां की जेल में 35 साल तक बंद रहेगा। अमेरिका में उसके खिलाफ इसलिए मुकदमा चला, क्योंकि 26/11 हमले में मुंबई में कई अमेरिकी भी मारे गए।
इसलिए मुकदमे पर लगा ब्रेक
अबू जुंदाल के खिलाफ चल रहे मुकदमे पर कुछ महीने पहले इसलिए ब्रेक लगा, क्योंकि दिल्ली पुलिस का कहना है कि जुंदाल को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया, जबकि जुंदाल के वकीलों का कहना है कि वह सऊदी अरब में था। उसे वहां से डिपोर्ट करके भारत लाया गया। जुंदाल के वकीलों ने दिल्ली पुलिस से जुंदाल के ट्रेवल्स दस्तावेज देने को कहा। जवाब में दिल्ली पुलिस बॉम्बे हाईकोर्ट चली गई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने उसके द्वारा फैसला लिए जाने तक निचली अदालत में इस मुकदमे पर रोक लगा दी।