मुंबई : अवैध निर्माण कार्य पर कार्रवाई करने में बीएमसी सुस्त है। ३६ महीने में बीएमसी के सभी २४ वार्ड में ७६ हजार ४९१ शिकायतें दर्ज हुई हैं। इसमें से महज ४ हजार ८६६ शिकायतों पर कार्रवाई हुई है। बीएमसी की तरफ से एक आरटीआई के तहत सूचना मुहैया कराई गई है।
शहर में कुछ दुर्घटनाएं हुईं, उसके बाद जांच-पड़ताल में अवैध निर्माण की बात भी सामने आई। इसके बाद बीएमसी की तरफ से अवैध निर्माण कार्य पर कार्रवाई भी हुई। इसी के चलते लोअर परेल के कमला मिल कंपाउंड के कई अवैध निर्माण कार्य को जमींदोज किया गया। इसके बाद आरटीआई एक्टिविस्ट शकील अहमद शेख ने १ मार्च २०१६ से अक्टूबर २०१८ तक अवैध निर्माण के खिलाफ शिकायत और उस पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी। आरटीआई एक्टिविस्ट के दावे के अनुसार, बीएमसी ने जो आंकड़े दिए हैं, वे बहुत ही चौंकाने वाला है। इस अवधि में बीएमसी के पास ७६ हजार ४९१ शिकायतें मिली। इनमें कई शिकायतें ऐसी थी, जिसके खिलाफ पहले से शिकायत दर्ज हुई थी। इसीलिए असल में ३३ हजार ४१७ अवैध निर्माण कार्य के खिलाफ शिकायतें मिली थी। इनमें से बीएमसी के अतिक्रमण विभाग ने ४ हजार ८६६ अवैध निर्माण कार्यों के खिलाफ कार्रवाई की और ४ हजार २५३ अवैध निर्माण कार्य को तोड़ दिया।
३२ महीने में ७६ हजार शिकायतें
सबसे अधिक शिकायतें मालाड में
अतिक्रमण विभाग के दिए आंकड़े के अनुसार, सबसे अधिक ७५१४ अवैध निर्माण कार्य की शिकायतें पी नार्थ वार्ड में हुई हैं, इसके बाद ७००८ शिकायतों के साथ एल वार्ड दूसरे और ५४६५ शिकायतों के साथ तीसरे स्थान पर है। शकील बीएमसी के वार्डों द्वारा अवैध निर्माण कार्य पर ढुलमुल रवैया अपनाने के खिलाफ आयुक्त और मुख्यमंत्री के खिलाफ शिकायत करेंगे।