मुंबई : मकर संक्रांति के लिए महज एक दिन बचा है। लोगों ने पतंगबाजी वषंजे को सरकार और आम जनता दोनों ने टर्की दे दी है। उक्त मांजे के कारण न जाने कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई तो कई घायल हुए हैं। इस बार पतंगबाज तंगूस को टर्की देकर सतरंगी (पांडा) मांजे को खरीद रहे है।
बता दें कि चीन से आनेवाले तंगूस मांजे इस बार बाजार तक नहीं पहुंच पाए हैं। शहर व उपनगरों में स्थित पतंग की दुकानों पर स्वदेशी मांजे बिक रहे हैं। चीन से आनेवाले तंगूस मांजे इतने मजबूत और घातक होते हैं कि जल्द ही टूटते ही नहीं। कई लोगों के गले में मांजा फंसने से उनका गला कट जाता है लेकिन मांजा नहीं। ऐसे में सरकार ने उक्त मांजा की खरीद और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था इसके बावजूद ये दुकान में उपलब्ध रहते थे लेकिन इस बार चीनी मांजा बाजार से नदारद है। किंग काइट्स के सलीम ने बताया कि देसी तंगूस मांजा उपलब्ध है लेकिन यह ज्यादा मजबूत नहीं है जितना घातक चीनी मांजे होते हैं। बच्चे लोग ही तंगूस मांजा ले जाते हैं वो भी केवल १० और २० रुपए का। इस बार सतरंगी मांजे की धमाल है, जिसे पांडा मांजा कहा जाता है। पांडा मांजा २५० से लेकर ८०० रुपए तक उपलब्ध है। इस बार मांजे के दाम में १० प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। महाराष्ट्र काइट सेंटर के सलमान ने बताया कि तंगूस मांजे का क्रेज खत्म हो गया है लोग थोड़े पैसे अधिक देकर पांडा मांजा खरीदने को तैयार हैं। स्टैंडर्ड काइट सेंटर के एक कर्मचारी ने कहा कि इस बार मांजे थोड़े महंगे हुए हैं लेकिन इसका कोई खासा असर नहीं देखने को मिल रहा है। लोग तंगूस से कन्नी काट रहे हैं और इंद्रधनुष रंगी मांजा अधिक खरीद रहे हैं।