अमेरिकी: लोकसभा चुनावों में अब बस कुछ ही वक्त बाकी है. माहौल बनना शुरू हो गया है. तमाम राजनीतिक पार्टियां चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी शुरू कर चुकी हैं. मगर आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी सिर्फ देश में ही नहीं हो रही है बल्कि सरहद के उस पार भी हो रही है. ये अलग बात है कि उनकी तैयारी का मकसद कुछ और है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि पाकिसतान में बैठे आतंकवादी भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान जगह-जगह दंगे फैलाने का मंसूबा बनाए बैठे हैं.
गऊ रक्षा के नाम पर हंगामा काटा जाता है. लव जिहाद के नाम पर लोगों को मारा पीटा जाता था. वंदे मातरम के नाम पर हंगामा काटा गया. लोगों से ज़बरदस्ती जय श्री राम बुलवाया गया. हिंदुस्तान में समझदार लोग ऐसे हंगामों और मारपीट का समर्थन नहीं करते. बल्कि वो कानून पर यकीन रखते हैं. मगर हमारे देश में ऐसे कुछ लोग इधर भी है और कुछ उधर भी. जिन्हें असंतोष में ही संतोष आता है. इसी में उन्हें इत्मीनान मिलता है. लेकिन जाने अनजाने ये लोग देश के दुश्मनों की मदद कर रहे हैं. और दुश्मन हैं कि मौके की ताक में बैठे हैं. सरहद पार बैठे उन्हीं दुश्मनों को लेकर खबर आई है कि इसी साल आने वाले आम चुनाव के दौरान वो बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने की साजिश रच रहे हैं.
अमेरिका खुफिया एजेंसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर हिंदुस्तानी यूं ही आपस में लड़ते रहे तो पाकिस्तान और वहां पनप रहे आतंकी संगठन लोकसभा चुनाव के दौरान सांप्रदायिक दंगे कराकर इसका फायदा उठा सकते हैं. अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डैन कोट्स ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान पाक में बैठे आतंकी संगठन भारत पर हमले भी कर सकते हैं.
अमेरिकी खुफिया एजेंसी के इस वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डैन कोट्स अगर सत्तारूढ़ भाजपा मई में आम चुनावों से पहले हिंदू राष्ट्रवादी विषय पर ही जोर देती रही तो भारत में सांप्रदायिक हिंसा की आशंका बहुत प्रबल है. पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी समूह भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाने और अंजाम देने के लिए पाकिस्तान में अपने पनाहगाहों का फायदा उठाना जारी रखेंगे.
भारत में लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही महीने बचे हैं. इन चुनावों पर पूरी दुनिया की नजर है. और इन्हीं चुनाव को लेकर आया अमेरिकी खुफिया अधिकारी का ये बयान परेशान करने वाला है. अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर डैन कोट्स के कहने का लब्बोलुआब ये है कि अगर चुनाव जीतने या किसी चुनावी फायदे के लिए सत्ताधारी पार्टी कट्टरता पर उतरती है तो ये ना सिर्फ खुद भारत के लिए घातक हो सकता है. बल्कि बहुत ममुकिन है कि बड़े पैमाने पर देश में सांप्रदायिक दंगे भी छिड़ जाएं. क्योंकि पाकिस्तान तो हमेशा से ही ये चाहता है कि हिंदुस्तान में मुस्लिम और हिंदू कभी एक ना होने पाएं.
ज़ाहिर है पीएम मोदी कई बार सार्वजनिक मंच से ये बात दोहरा चुके हैं कि जो लोग गऊ रक्षा के नाम पर या लव जिहाद के नाम पर जबरन लोगों से मारपीट उनसे कानून सख्ती से निपटेगा. मगर पीएम की अपील के बाद भी कुछ कट्टर हिंदूवादी संगठन देश में आतंरिक हिंसा फैलाने का काम जारी रखे हुए हैं. जिससे पाकिस्तान को अपना मक़सद पूरा करने में काफी मदद मिल रही है.
आपको बता दें कि अमेरिका में हर साल की शुरुआत में वहां की सभी इंटेलिजेंस एजेंसियां एक रिपोर्ट जारी करती हैं. जिसमें दुनियाभर में होने वाली सभी घटनाओं का मूल्यांकन किया जाता है. इस रिपोर्ट को तैयार करने में सिलेक्ट कमिटी के सामने पेश होने वाले प्रमुख लोगों में डैन कोट्स के अलावा हाल ही भारत की अपनी यात्रा से लौटीं अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की डायरेक्टर जीना हास्पेल, एफबीआई डायरेक्टर क्रिस्टोफर रे और डीआईए के डायरेक्टर रॉबर्ट एश्ले भी शामिल थे. दक्षिण एशिया पर पेश की गई ये रिपोर्ट 2019 में विश्वव्यापी खतरे पर उनके आकलन का एक हिस्सा था.
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की इस सालाना रिपोर्ट में हिंदुस्तान में सिर्फ साम्प्रदायिक हिंसा का अंदेशा नहीं जताया गया है. बल्कि भारत-पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रमों के लगातार बढ़ने से दक्षिण एशिया में परमाणु सुरक्षा से जुड़ी घटनाओं की आशंका भी जताई गई है.