मुंबई: किसी वारदात के बाद अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी भागते ही हैं। पर अमूमन वे अपने परिवार से रिश्ता कभी नहीं तोड़ते। लेकिन विक्रम पटेल की कहानी बिल्कुल अलग ही है। उसने 15 साल पहले सूरत में एक घर में मर्डर के बाद मुंबई में अपनी पत्नी को ही छोड़ दिया। बाद में उसने पुणे में दूसरी शादी कर ली। पटेल को पुणे से एसीपी अभय शास्त्री और सीनियर इंस्पेक्टर अरुण पोखरकर की टीम ने गिरफ्तार किया है। विक्रम पटेल को पुणे में लोग विक्की के नाम से जानते थे।
19 जनवरी, 2004 को सूरत में छह लोग एक गैस कंपनी के कर्मचारी बनकर एक बंगले में लूट के मकसद से घुसे। उन्होंने घर में जमकर लूटपाट की और लूट का विरोध करने वालों पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि परिवार के कई लोग घायल हो गए। उस केस में सूरत के उमरा थाने की पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया। उन पर मुकदमा चला।
गुजरात सेशंस कोर्ट ने इनमें से एक आरोपी को फांसी दी, जबकि चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। जिन्हें आजीवन कारावास की सजा मिली, उनमें से एक आरोपी को पिछले साल परिवार से मिलने के लिए कुछ दिनों के लिए पैरोल पर छोड़ दिया गया। पैरोल पर छूटे अपराधी को एक निर्धारित समय के बाद जेल वापस जाना पड़ता है, पर वह अपराधी कभी वापस जेल लौटा ही नहीं। इसीलिए गुजरात पुलिस की तरफ से पूरे देश में उस अपराधी के बारे में अलर्ट लेटर जारी किया गया। वह लेटर मुंबई क्राइम ब्रांच को भी मिला। जब क्राइम ब्रांच की अंधेरी यूनिट के पीएसआई अमित देवकर ने इस अपराधी के बारे में जांच शुरू की और उसके मोबाइल नंबर की लोकेशन व अन्य टेक्निकल इनपुट्स से उसके बारे में जानकारी निकाली तो वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह आरोपी या तो पुणे में हो सकता है या कोल्हापुर में छिपा हो सकता है।
ऐसे पकड़ा गया आरोपी
इसके बाद दो अलग-अलग टीमें महाराष्ट्र के इन दो शहरों में भेजी गईं। पुलिस को पुणे में पैरोल से फरार अपराधी तो नहीं मिला, पर उस मर्डर केस में अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ विक्रम पटेल नामक आरोपी मुंबई क्राइम ब्रांच टीम के हत्थे चढ़ गया। फौरन गुजरात पुलिस को सूचना दी गई और विक्रम उर्फ विक्की को उन्हें सौंप दिया गया। गिरफ्तारी के बाद विक्रम से हुई पूछताछ में पता चला कि वह मूल रूप से मुंबई का निवासी है। 19 जनवरी, 2004 को सूरत में हुए मर्डर से पहले वह मुंबई में विले पार्ले में रहता था। उसकी उन दिनों शादी भी हो चुकी थी, लेकिन जब सूरत मर्डर में उसके साथी गिरफ्तार हुए, तो वह समझ गया कि उन लोगों ने उसका नाम और उसके विले पार्ले वाले घर का पता भी पुलिस को बताया होगा। इसीलिए वह न तो कभी वापस विले पार्ले आया और न ही अपनी पत्नी को मुंबई में कॉल किया, ताकि गुजरात पुलिस को उसका लोकेशन कभी न मिल सके। वहां की पुलिस इस दौरान विले पार्ले में कई बार आई भी और उसकी पत्नी से पूछताछ भी की, लेकिन पत्नी ने हमेशा पुलिस से कहा कि उसे पता ही नहीं कि उसका पति कहां है।
पुणे में नया बिजनस शुरू किया
इस बीच विक्रम पुणे में शिफ्ट हो गया। उसने वहां अपना बिजनस भी शुरू कर दिया और वहां दूसरी शादी भी कर ली। वह मानकर चल रहा था कि उसे कभी ट्रेस नहीं किया जा सकेगा, पर पैरोल पर भागे आरोपी की तलाश में मिले कुछ इनपुट्स के जरिए वह आखिरकार सलाखों के पीछे पहुंच गया।