नवी मुंबई : पंजाब नैशनल बैंक घोटाले के आरोपी हीरा व्यापारी नीरव मोदी के अलीबाग स्थित बंगले को तोड़ने का काम रायगड़ जिला प्रशासन ने शुक्रवार को भी जारी रखा है। 30,000 स्क्वॉयर फीट के इस बंगले को कंट्रोल्ड ब्लास्ट के जरिए गिराया जा रहा है। एक्सकवेटर की मदद से मंगलवार को टाइल्स और प्लास्टर हटाया गया। तीन ड्रिलिंग मशीनें आरसीसी के पिलर्स में छेद कर रही हैं जिनमें डायनामाइट स्टिक्स लगाई जा रही हैं। रायगड़ कलेक्टर डॉ सूर्यवंशी ने अडशिनल कलेक्टर भरत शिटोले को यह काम सौंपा है। शिटोले भाईंदर में 2000-01 के बीच 40 अवैध इमारतों को गिरा चुके हैं। उनके सर्कल में उन्हें ‘ब्लास्टिंग वाले डिमॉलिशन मैन’ के तौर पर जाना चाहता है। शिटोले ने बताया कि कुछ मशीनों के आने में देरी होने पर मंगलवार को काम में देरी हुई थी।
आरटीआई ऐक्टिविस्ट दिलीप जोग ने बताया कि बंगले की कीमत बाजार के हिसाब से ₹25 करोड़ की है। इसमें हाई ग्रेड सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है। इस कारण इसे गिराने में मुश्किल हो रही है। इसे गिराए जाने के साथ ही अलीबाग के 14 बंगलों का भी नंबर लगेगा जो कोस्टल रेग्युलेटरी जोन में हैं और हाई कोर्ट की उन पर नजर है।
कोर्ट ने 31 जुलाई 2018 को नीरव मोदी के बंगले का उदाहरण देते हुए कहा था कि ऐसे बंगलों से कितने ढीले रवैये के साथ पेश आया जाता है। सब डिविजनल ऑफिसर ने बताया कि 16 इमारतें हाई कोर्ट की नजर में थीं। अवनि ऐग्रो प्रा. लि की इमारतों को गिराया जा चुका है। एक अधिकारी ने बताया, ‘हाई कोर्ट ने बताया है कि कलेक्टर की राज्य को जवाबदेही है कि कैसे अवैध निर्माण के कई मामले महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी को रिफर कर गए।’