मुंबई : करीब एक साल से चला आ रहा डॉक्टरों का विवाद आखिर खत्म हो गया। दो आईएएस अधिकारियों के साथ हुई संयुक्त बैठक में प्रमुख अस्पतालों के डॉक्टरों को 10 दिनों के अंदर हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) में खुद से टाइप कर लागू करने का आदेश दिया गया है। इस काम के लिए डेटा एंट्री ऑपरेटर नहीं मिलेंगे।
बैठक में दो-टूक कहा गया है कि डॉक्टरों को ही सिस्टम में एंट्री करनी होगी। डेटा एंट्री के लिए प्रशासन ने 30 करोड़ रुपये सालाना खर्च करने से साफ इनकार कर दिया है। उन्हें व्यवस्था लागू करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है। 25 मार्च के बाद फिर इसकी समीक्षा होगी और तब तक पूरा सिस्टम लागू न होने पर आगे की कार्रवाई पर फैसला लिया जाएगा। बैठक के तुरंत बाद ही कंप्यूटर लगाने के लिए टेबल का लंबे समय से अटका प्रस्ताव तुरंत मंजूरी के लिए भेज दिया गया। डीन के स्तर पर भी निर्देश देने शुरू हो गए। जल्द ही इसकी समीक्षा भी शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में पारदर्शी व्यवस्था लाने में निर्णायक इस सिस्टम को तमाम कोशिशों के बावजूद लागू नहीं किया जा सका है। एक अधिकारी ने बताया कि जिन डॉक्टरों द्वारा अब तक इसमें एंट्री नहीं की जाती थी, अब उन्होंने इसके बारे में जानकारी लेना शुरू कर दिया है।
उधर, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अडिशनल कमिश्नर आई.ए कुंदन ने कहा, ‘कोई डेटा एंट्री ऑपरेटर नहीं मिलेगा। डॉक्टरों को खुद एंट्री करनी होगी, हमने 10 दिन का समय दिया है।’