Wednesday, October 30metrodinanktvnews@gmail.com, metrodinank@gmail.com

बीएमसी अस्पतालों में दवाओं की कमी, फाइलों में अटकीं मरीजों की दवाएं

मुंबई : बीएमसी अस्पतालों में दवाओं की कमी का मसला गंभीर होता जा रहा है। अगले कुछ महीनों तक इससे निजात मिलना मुश्किल लग रहा है। पूरी मुंबई का ठेका एक साथ निकालने की वजह से अतिरिक्त दवाएं मंगाने की प्रक्रिया अभी तक लटकी हुई है। चूंकि अब आचार संहिता लागू हो चुकी है, इसलिए यह प्रक्रिया अब मई में ही पूरी हो पाएगी। माना जा रहा है कि मॉनसून तक ही दवाएं अस्पतालों में पहुंच पाएंगी। बता दें कि पिछले 7-8 महीनों से बीएमसी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी है।
नियमित दवाओं की खरीदी की प्रक्रिया भी इसी वजह से प्रभावित हो रही है। एक अधिकारी ने बताया कि पूरी प्रक्रिया में छह महीने का समय लगता है। हमें अतिरिक्त आपूर्ति का टेंडर बनाने में काफी समय लगता है। हम पर दोहरा कार्यभार होता है।
बीएमसी अस्पतालों में दवाओं की कमी का मुद्दा सामने आने के बाद प्रशासन ने इसकी जांच की थी। दवाओं की कमी को दूर करने के लिए तुरंत टेंडर निकालकर आपूर्ति करने का आदेश भी दिया था। हालांकि टेंडर लाने से पूर्व संबंधित कंपनियों से अतिरिक्त आपूर्ति की सहमति लेने में काफी समय निकल गया। टेंडर मंजूरी के कई चरण होने की वजह से भी फाइलें अटक गईं। सच तो यह है कि मंजूरी मिलने के बाद भी कंपनियों को दवाओं की आपूर्ति में समय लग जाएगा।
बेहद लंबी प्रक्रिया
हर दो साल पर खरीदी जाने वाली दवाओं के लिए मुंबई के सभी अस्पतालों से लिस्ट मांगी जाती है और सभी विभाग प्रमुखों से चर्चा की जाती है। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया होती है और ऑर्डर दिया जाता है। फिर भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता। उचित समन्वय न होने की वजह से किसी अस्पताल में ज्यादा दवाएं पहुंच जाती हैं, तो किसी में काफी कम सप्लाई हो पाती है।

Spread the love