
1456 लोगों पर है महज एक डॉक्टर, नहीं मिल पाता बेहतर इलाज
मुंबई : अस्पताल हो या डिस्पेंसरी, हर जगह मरीजों को इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है। इसका सबसे बड़ा कारण मरीजों की तुलना में डॉक्टरों की संख्या में कमी है। मुंबई सहित पूरे देश में डॉक्टरों की भारी कमी है, जिसके कारण न केवल इलाज में देरी होती है, बल्कि मरीजों को तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में लोकसभा में देश में मरीज और डॉक्टर के अनुपात को लेकर एक प्रश्न पूछा गया था। जवाब में बताया गया कि देश में प्रति 1456 लोगों पर एक डॉक्टर है। ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ के अनुसार, प्रति एक हजार लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए। यह स्थिति देश के हर राज्य में है, मुंबई जैसे शहर में यह अनुपात और भी अधिक है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस समय देशभर में 135 करोड़ लोगों के लिए 9.27 लाख ही ऐलोपैथिक डॉक्टर काम कर रहे हैं।
बीएमसी के पेरिफेरल से लेकर प्रमुख अस्पतालों तक ज्यादातर समय रेजिडेंट डॉक्टरों पर