धारावी पुनर्विकास परियोजना पर ग्रहण!
मुंबई : धारावी झोपड़पट्टी पुनर्विकास परियोजना के लिए अब तक अच्छे दिन नजर नहीं आ रहे हैं। कोशिशें हो रही हैं लेकिन विभिन्न कारणों से अब तक सफलता नहीं मिल पा रही है। परियोजना के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के निविदा में दुबई की सेकलिंक कंपनी सबसे योग्य मानी गई। अब उसे निविदा देने में तकनीकी अड़चन आने की बात सामने आई आ रही है। इससे पूरी परियोजना पर ग्रहण लगते दिख रहा है। धारावी को एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी माना जाता है। राज्य सरकार ने इसके कायापलट के लिए 2004 से प्रयासरत है। धारावी का पांच हिस्सा कर उसका एक हिस्सा विकसित करने के लिए म्हाडा को दिया गया। अन्य चार हिस्से के विकास के लिए सरकार ने 2016 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निविदा मंगाई, लेकिन इसे कोई प्रतिसाद नहीं मिला। इसमें सरकार की तरफ से नियमों को सहूलियत दी गई थी। इसके बाद सरकार ने धारावी की एकीकृत पुनर्विकास के लिए राज्य सरकार ने विशेष सहूल