बीएमसी अपने स्कूली विद्यार्थियों में कुपोषण खत्म नहीं कर पाई तो उसने मापदंड बदलकर और शब्दावली में हेरफेर करके कुपोषण खत्म बता दिया
मुंबई: बीएमसी अपने स्कूली विद्यार्थियों में कुपोषण खत्म नहीं कर पाई तो उसने मापदंड बदलकर और शब्दावली में हेरफेर करके कुपोषण खत्म बता दिया। वर्ष 2017-18 के आंकड़े देखें तो बीएमसी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में से 84 प्रतिशत बच्चे पोषित बताए जा हैं। वहीं, इसके उलट बीएमसी ने पोषण भोजन के बजट में बढ़ोतरी की है।
सोमवार को जारी प्रजा फाउंडेशन की हेल्थ रिपोर्ट में आंकड़ों की इस विसंगति पर प्रश्न उठाए गए हैं। बीएमसी स्कूलों और आंगनवाड़ी के बच्चों पर सोमवार को जारी प्रजा फाउंडेशन की हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, 2015-16 में बीएमसी स्कूल में पढ़ने वाले 64681 बच्चे कुपोषित थे। वहीं, 2017-18 की ताजा रिपोर्ट में बीएसमी स्कूल में पढ़ने वाला एक भी बच्चा कुपोषित नहीं मिला है। यह जवाब सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत बीएमसी द्वारा प्रजा फाउंडेशन को दिया गया है।
2016-17 में इन स्कूलों में पढ़ने वाल









