
तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ अदालत में याचिका दायर
मुम्बई, पूर्व पार्षद, शहर के एक एनजीओ और एक अधिवक्ता ने संयुक्त रूप से बम्बई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करके एकबार में तीन तलाक को संज्ञेय अपराध बनाने वाले अध्यादेश के प्रावधानों को चुनौती दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गत बुधवार को अध्यादेश पर हस्ताक्षर किया था। इसके अनुसार एकबार में तीन तलाक देने दिये जाने को अवैध और अमान्य बना दिया गया है और ऐसा करने पर पति को तीन वर्ष की सजा होगी। सरकार ने कानून के दुरूपयोग की आशंकाओं को दूर करने के लिए इसमें कुछ सुरक्षा उपाय शामिल किये हैं जैसे इसमें आरोपी पति के लिए जमानत का प्रावधान किया गया है। यद्यपि गत शुक्रवार को पूर्व पार्षद और सामाजिक कार्यकर्ता मसूद अंसारी, गैर सरकारी संगठन ‘राइजिंग वॉयस फाउंडेशन’ और अधिवक्ता देवेंद्र मिश्रा ने एक याचिका दायर की जिसमें दावा किया कि अध्यादेश के प्रावधान ‘‘अवैध, अमान्य, अनुचित और मनमाने हैं।’’ याचिका