‘मैं मुंबई पुलिस से हूं, मुझे तत्काल टिकट चाहिए’
मुंबई
हिंदुस्तान में रेलवे का टिकट और दोषमुक्त ब्लड रिपोर्ट, दोनों को एक ही श्रेणी में रखा जाना चाहिए। मौजूदा दिनचर्या में शरीर का कोई न कोई पैरामीटर तो दोषयुक्त होगा ही, उसी तरह से मौजूदा स्थितियों में वेटिंग, आरएसी या पार्सल कन्फर्म जैसी स्थिति वाला टिकट ही मिलता है। कहने का मतलब है कि रेलवे का टिकट पाने के लिए कई पापड़ बेलने पड़ते हैं। यहां तक कि फर्जी पुलिस वाला भी बनना पड़ता है। ऐसा ही एक खेल हो रहा था घाटकोपर में, जहां इलाहाबाद में किसी केस की जांच के लिए जाने के बहाने एक व्यक्ति रेलवे के टिकट काउंटर पर तत्काल टिकट लेने पहुंच गया। तत्काल टिकट की अर्जी लेकर पहुंचे शख्स का नाम था सुशील मिश्रा। मिश्रा ने जब काउंटर पर टिकट की मांग की, तब उसकी बॉडी लैंग्वेज देखकर बुकिंग क्लर्क को शक हुआ। बुकिंग क्लर्क ने मिश्रा से उनका पहचान पत्र मांगा। पहचान पत्र पर एक फोटो, नीचे नाम, उसका पद (सब-इंस्प