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मुंबई

अब तक 27 की मौत, दो लाख से ज्यादा विस्थापित

अब तक 27 की मौत, दो लाख से ज्यादा विस्थापित

मुंबई : महाराष्ट्र को भारी बारिश से अभी भी राहत नहीं है। मुंबई और आस-पास के इलाकों में आज भी भारी बारिश के आसार हैं। महाराष्ट्र में बाढ़ से सबसे ज्यादा कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, सतारा और पुणे प्रभावित हैं। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि कोल्हापुर और सांगली में मौसम के प्रतिकूल होने की वजह से एयरलिफ्ट असफल होने के बाद नौसेना के 2 बचाव दल बीती रात सड़क मार्ग से रवाना हुए। सांगली में मदद की तत्काल जरूरत की वजह से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर टीम को रवाना किया। दक्षिणी महाराष्ट्र के पांच जिलों में भारी बारिश से हर जगह बाढ़ का नजारा है। बारिश और बाढ़ में फंसे दो लाख से ज्यादा लोगों को अब तक रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जा चुका है। बता दें कि महाराष्ट्र में बारिश की वजह से पिछले कुछ दिनों से 27 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें सांगली भी शामिल है जहां एक नाव पलटने से 12 लोगों की मौत हो गई जबकि 3
रेजिडेंट डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

रेजिडेंट डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

मुंबई : मानदेय बढ़ाने और दूसरी कई मांगों को लेकर बुधवार से हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार को हड़ताल वापस लेने का फैसला किया है। महाराष्ट्र रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने गुरुवार को ऐलान किया है कि अगले नोटिस तक के लिए हड़ताल खत्म कर दी गई है। मार्ड ने अपने स्टेटमेंट में बताया है कि मांगें पूरी किए जाने का आश्वासन मिलने के बाद और राज्य में बाढ़ और मुंबई में आर्टिकल 370 को लेकर जारी अलर्ट के बाद यह फैसला किया गया है। स्टेटमेंट में कहा गया है- 'आपको सूचित किया जाता है कि डीएमईआर के निदेशक डॉ टीपी लहाणे से मुलाकात के बाद, जिसमें उन्होंने हमें मौखिक और लिखित आश्वासन दिया है कि हमारी मांगों पर तेज कार्रवाई की जाएगी, साथ ही महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बाढ़ और मुंबई में 15 अगस्त और आर्टिकल 370 हटाए जाने के चलते जारी अलर्ट के दौरान डॉक्टर होने की हमारी जिम्मेदारी के मद्देनजर जेजे मार्ड ब
पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी बारिश से बाढ़, 16 की मौत, लाखों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

पश्चिमी महाराष्ट्र में भारी बारिश से बाढ़, 16 की मौत, लाखों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया

मुंबई/पुणे : मुंबई के बाद अब भारी बारिश के कारण पश्चिम महाराष्ट्र बाढ़ का संकट झेल रहा है। पुणे, कोल्हापुर, सतारा, सांगली और सोलापुर बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन इलाकों में बाढ़ से जुड़े हादसों के कारण 16 लोगों की जान जा चुकी है। लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हैं जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। नैशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) के साथ-साथ भारतीय वायुसेना और नेवी राहतकार्य में जुटे हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र के पांच जिले, कोल्हापुर, सांगली, सोलापुर, पुणे और सतारा बाढ़ की चपेट में हैं। लोगों के घर पानी में डूब गए हैं और अब तक 16 लोगों की मौत हो गई है। इन इलाकों से करीब 1,00,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। सबसे ज्यादा नुकसान सांगली और कोल्हापुर जिलों को झेलना पड़ा है। बाढ़ में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव अभियान में एनडीआरएफ की 22 टीमों समे
छुट्टी पर नहीं किया विचार तो बॉस की कट गई पगार!

छुट्टी पर नहीं किया विचार तो बॉस की कट गई पगार!

मुंबई : निचले कर्मचारियों की छुट्टी पर फैसला न लेना बाबुओं को इस हद तक भारी पड़ेगा, यह शायद सोचा भी नहीं होगा। बीएमसी कर्मचारियों की छुट्टी पर फैसला न लेने वाले करीब 2,000 उच्च अधिकारियों की पगार काट ली गई। बीएमसी कमिश्नर प्रवीण परदेशी के आदेश के बाद यह फैसला लिया गया है। छुट्टियों पर फैसला लेने के बाद अगली पगार में उनकी रुकी सैलरी वापस दे दी जाएगी। अब तक केवल निचले स्तर के कर्मचारियों पर ही गाज गिरती थी। ये कर्मचारी अक्सर इस संदर्भ में आवाज उठाते थे। बीएमसी में काम करने वाले कर्मियों को छुट्टी लेने पर उसकी मंजूरी अपने ऊपर के बॉस से लेनी होती है। समय पर छुट्टी पर फैसला न होने से उन कर्मचारियों की पगार कट जाती है। ऐसे में, इनकी छुट्टियों पर फैसला न लेने वाले अधिकारियों की 10 प्रतिशत पगार रोक ली गई है। एक अधिकारी ने बताया कि जबसे पगार कटी है, तब से लगातार छुट्टियां मंजूर की जा रही हैं। गौर
समस्याओं पर नहीं दिया जा रहा है ध्यान, आज से रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल

समस्याओं पर नहीं दिया जा रहा है ध्यान, आज से रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल

मुंबई : रेजिडेंट डॉक्टरों की समस्याओं की राज्य सरकार की ओर से हो रही बार बार अनदेखी को देखते हुए डॉक्टरों की संस्था मार्ड ने राज्यव्यापी हड़ताल करने का फैसला लिया है। 7  अगस्त बुधवार से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे। इसके अलावा, डॉक्टरों ने इस समय आपातकालीन चिकित्सा देखभाल बंद करने का फैसला किया है, जिसके कारण आम लोगों  को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। डॉक्टरों का कहना है कि लगातार पत्राचार के बावजूद, राज्य सरकार डॉक्टरों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। रेजिडेंट डॉक्टर ने सवाल उठाया है कि केवल वादों पर वह कब  तक भरोसा करे, सरकार की लगातार अनदेखी को देखते हुए अब उनके पास हड़ताल के अलावा अब कोई रास्ता नहीं बचा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी  नहीं की जाती है तब उनकी हड़ताल जारी रहेगी। डॉक्टरों की हड़ताल में इस बार आपातकालीन सुविधा को भी बंद रखा जाएगा। डॉक्टरों का
कश्मीर-लद्दाख में रिसोर्ट बनाएगी महाराष्ट्र सरकार

कश्मीर-लद्दाख में रिसोर्ट बनाएगी महाराष्ट्र सरकार

मुंबई : राज्य के पर्यटन मंत्री जयकुमार रावल ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कश्मीर और लद्दाख में रिसोर्ट बनाएगी। रावल ने कहा कि लक्षद्वीप में रिसोर्ट बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन हमारी  पहली प्राथमिकता कश्मीर और लद्दाख होगी। रावल ने कहा कि जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम कश्मीर और लद्दाख में जमीन की खरीद  करेगी। सरकार की योजना कश्मीर और लद्दाख में सबसे पहले रिसोर्ट शुरु करने की है। मंत्री ने कहा कि शुरुआत में जम्मू कश्मीर में दो रिसोर्ट शुरु करने की योजना है। यदि अच्छा  प्रतिसाद मिला तो अन्य जगह भी रिसोर्ट खोले जाएंगे। मंत्रालय में रावल ने पर्यटन पर्व कार्यक्रम का उद्घाटन किया। रावल ने बताया कि सरकारी कर्मचारियों को एमटीडीसी रिसॉर्ट में  5 दिन की बुकिंग पर 25 प्रतिशत की छूट मिलेगी।
कांग्रेस की गलती को पीएम और गृहमंत्री ने सुधारा :  सीएम फड़नवीस

कांग्रेस की गलती को पीएम और गृहमंत्री ने सुधारा : सीएम फड़नवीस

मुंबई : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू- कश्मीर से धारा 370 हटाकर जो ऐतिहासिक निर्णय लिया वह सराहनीय और प्रशंसनीय है। मंगलवार को महाजनादेश यात्रा के दौरान चंद्रपुर जिले में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए यह बात राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कही। 'जहां हुए बलिदान मुखर्जी वो कश्मीर हमारा' के नारे के साथ अपने भाषण  की शुरुआत करते हुए सीए फड़नवीस ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 और 35ए को रद्द करके  दिखा दिया। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार। पिछली केंद्र की कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए सीएम फड़नवीस ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा  की गई ऐतिहासिक गलती को दुरुस्त करने का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने किया है। अब पूरे देश का एक साथ विकास होगा। इस
DWC ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस, 9 अगस्त तक मांगा जवाब

DWC ने दिल्ली पुलिस को भेजा नोटिस, 9 अगस्त तक मांगा जवाब

दिल्ली महिला आयोग ने जेएनयू की छात्रा से रेप मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स पर संज्ञान लेते हुए एक्शन लिया है. इस मामले में आयोग ने पुलिस को 9 अगस्त तक जवाब देने को कहा है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दक्षिणी जिले के पुलिस उपायुक्त को भेजे गए नोटिस में इस घटना पर चिंता जताई है. आयोग ने दिल्ली पुलिस से मामले की विस्तृत रिपोर्ट, गिरफ्तारी की जानकारी और एफआईआर की कॉपी देने को कहा है. साथ ही पीसीआर कॉल और पुलिस द्वारा घटनास्थल पर पहुंचने के समय की डिटेल मांगी है. इसके अलावा कैब ड्राइवर का रूट मैप और इस दौरान रास्ते में पुलिस पिकेट, चेकिंग पॉइंट और पीसीआर स्टेशन की जानकारी मांगी है. बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की एक छात्रा के साथ रेप की वारदात सामने आई है. पीड़िता के मुताबिक, तीन दिन पहले उसने जेएनयू जाने के लिए कैब
पति ने कानून की उड़ाईं धज्जियां, फोन पर पत्नी को दिया तीन तलाक

पति ने कानून की उड़ाईं धज्जियां, फोन पर पत्नी को दिया तीन तलाक

संसद में तीन तलाक बिल पास होने के बावजूद भी ट्रिपल तलाक का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश के जौनपुर का है, जहां एक शख्स ने अपनी पत्नी को फोन पर तीन तलाक दे दिया है. वहीं पत्नी ने जब तीन तलाक को कानूनी रूप से गलत ठहराने की बात कही तो पति ने कहा कि सरकार का कानून नहीं बल्कि शरीयत की बात मानता है. पत्नी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है. वहीं पीड़िता ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक और पुलिस अधीक्षक को भेजे गए प्रार्थना पत्र में पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है. हालांकि पीड़िता ने कहा कि वह पुलिस कार्यालय गई लेकिन एसपी से मुलाकात नहीं हो पाई है. जौनपुर शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के पठान टोलिया की रहने वाली शहजादी नाम की महिला ने बताया कि उसका निकाह 26 जुलाई 2015 को जफराबाद कस्बे के काजी अहमद नूर निवासी इश्तियाक के साथ
अब कश्मीर में नहीं चलेगी रणबीर दंड संहिता, लागू होगी IPC

अब कश्मीर में नहीं चलेगी रणबीर दंड संहिता, लागू होगी IPC

भारत के कानूनी मामलों में अदालतें भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई करती हैं. लेकिन जम्मू कश्मीर में ऐसा नहीं होता था. वहां भारतीय दंड संहिता यानी IPC का प्रयोग नहीं होता था. लेकिन धारा 370 को हटाए जाने के बाद अब जम्मू कश्मीर में पूरे देश की तरह भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी लागू होगी. अब यहां यह समझने की ज़रूरत है कि आखिर रणबीर दंड संहिता थी क्या? भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में रणबीर दंड संहिता लागू थी. जिसे रणबीर आचार संहिता भी कहा जाता था. भारतीय संविधान की धारा 370 के मुताबिक जम्मू कश्मीर राज्य में भारतीय दंड संहिता का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था. यहां केवल रणबीर दंड संहिता का प्रयोग होता था. ब्रिटिश काल से ही इस राज्य में रणबीर दंड संहिता लागू थी. दरअसल, भारत के आजाद होने से पहले जम्मू कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत थी. उस वक्त जम्मू कश्मीर में डोगरा राजवंश का शासन था. महाराजा रणबीर सि