सरकारी बैंकों को मिलाकर इन्हें चार बड़े बैंकों में तब्दील करने की सरकार की नयी योजना पर काम शुरू हो चुका है।
मध्यप्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के साथ रविवार को साझा की। इसके मुताबिक देश के 26 सरकारी बैंकों की वित्तीय वर्ष 2014-15 में 90 शाखाएं, 2015-16 में 126 शाखाएं, 2016-17 में 253 शाखाएं, 2017-18 में 2,083 बैंक शाखाएं और 2018-19 में 875 शाखाएं या तो बंद कर दी गयीं या इन्हें दूसरी बैंक शाखाओं में विलीय कर दिया गया। आरटीआई अर्जी पर मिले जवाब के अनुसार बीते पांच वित्तीय वर्षों में विलय या बंद होने से एसबीआई की सर्वाधिक 2,568 बैंक शाखाएं प्रभावित हुईं। आरटीआई कार्यकर्ता ने आरबीआई से सरकारी बैंकों की शाखाओं को बंद किये जाने का सबब भी जानना चाहा था। लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिला। इस प्रश्न पर केंद्रीय बैंक ने आरटीआई कानून के सम्बद्ध प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि मांगी गयी जानकारी एक सूचना नहीं, बल्कि एक