मुंबई में दो वर्षों में अस्थमा के 50 हजार से अधिक मामले
मुंबई
प्रदूषण के बढ़ते स्तर और जीवनशैली में होने वाले बदलाव के कारण लोगों में अस्थमा की समस्या हो रही है। आंकड़ों के अनुसार केवल बीएमसी के दवाखानों में पिछले दो सालों में 50 हजार से अधिक लोग अस्थमा का इलाज कराने के लिए डिस्पेंसरी का चक्कर लगा चुके हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि बढ़ते औद्योगिकीकरण, गाड़ी मोटर से निकलने वाले धुएं और धूम्रपान की आदतों के कारण लोगों में यह समस्या बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2016 की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में पिछले 4 साल में अस्थमा की दवाइयों की बिक्री 43% तक बढ़ गई है। बीएमसी अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले मरीजों की बीमारियों को समझने के लिए बीएमसी द्वारा इसके सभी अस्पतालों में सर्वे किया गया था। सर्वे के अनुसार, 2015-17 के बीच में अस्थमा के कारण दवाखानों में आने वाले मरीजों की संख्या 51169 रही। इस दौरान यहां 61 लाख से अधिक मरीज कई तरह की बीमारिय