यह है पुलिस का ‘संकटमोचक’ फंड
मुंबई
मुंबई सेंट्रल से रात में अमृतसर के लिए एक ट्रेन जाती है जिसका नाम है, गोल्डन टेंपल। मुंबई सेंट्रल के बाद इसका अगला पड़ाव बोरिवली है। कुछ साल पहले एक खबरी का मुंबई के एक चर्चित पुलिस इंस्पेक्टर के पास फोन आता है। वह एक बड़ी खबर देने का भरोसा देता है, पर बदले में पांच लाख रुपये मांगता है। वह इंस्पेक्टर यह रकम देने का वादा करता है, पर साथ ही शर्त भी रखता है- 'पहले तुम्हारी खबर को वेरिफाई करेंगे।' खबरी इस शर्त को मानने को तैयार हो जाता है। वह इंस्पेक्टर को रात साढ़े आठ बजे मुंबई सेंट्रल में गोल्डन टेंपल ट्रेन के बाहर पहुंचने को कहता है। यह गाड़ी अमूमन छूटने से करीब 45 मिनट पहले प्लैटफॉर्म पर लग जाती है। इंस्पेक्टर प्लैटफॉर्म पर पहुंचता है और खबरी को फोन घुमाता है। खबरी उसे इस ट्रेन के कोच नंबर एस-7 में पहुंचने को कहता है। इंस्पेक्टर कोच के अंदर पहुंच जाता है। इंस्पेक्टर अब कोच के अंदर