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आया था पत्नी को मनाने, सास को घोंपा चाकू

आया था पत्नी को मनाने, सास को घोंपा चाकू

नई दिल्ली घर में जबरन घुसकर एक व्यक्ति ने सास को चाकू घोंप दिया। आरोपी दामाद अपनी रूठी हुई पत्नी को बुलाने आया था। आरोप है कि चाकू मारने के बाद वह संडे तक का अल्टिमेटम देकर गया कि अगर पत्नी नहीं पहुंची तो सभी को जान से मार देगा। घायल महिला को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस के मुताबिक, घायल महिला की पहचान 50 वर्षीय मीना के तौर पर हुई है। वह परिवार के साथ नरेला में रहती हैं। पुलिस को उन्होंने बयान दिया कि उनकी बेटी की शादी प्रदीप से 2003 में हुई थी। वह गांव झटोकरे में रहता है। आरोप है कि उनका दामाद कई साल से उनकी बेटी को लगातार तंग कर रहा था। उस पर शक जताते हुए मारपीट करता था। टॉर्चर से तंग आकर उनकी बेटी 2 फरवरी को मायके आकर रहने लगी। होली के दिन दामाद घर पर आया और धमकी देकर गया कि पत्नी को उसके साथ भेज दो वरना अंजाम ठीक नहीं होगा। महिला का दावा है कि तब से वह और बेटी घर में
किसानों की मदद के लिए राजनीति भूल एक साथ आए सभी दल

किसानों की मदद के लिए राजनीति भूल एक साथ आए सभी दल

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मुंबई रातों के अंधेरे और दिन की कड़ी धूप में पांवों के छालों की परवाह किए बगैर हजारों किसान उम्मीदें लेकर मुंबई पहुंचे। यह शहर किसी को निराश नहीं करता है, फिर इस बार तो मामला अन्नदाताओं का था। ऐसे में मुंबई कैसे पीछे रहती। किसानों के दिल के जख्म तो सरकार द्वारा मांग पूरी करने पर ही भरने वाले थे लेकिन 180 किमी के सफर के बाद थके हुए पांवों को मुंबईकर मरहम लगाने जरूर पहुंच गए। सोमवार अलसुबह आजाद मैदान पहुंचे हजारों किसानों के लिए मुंबईकरों ने ठीक वैसे ही व्यवस्था की जैसे हर बार परीक्षा की घड़ी में इस शहर के लोग करते आए हैं। जब पार्टी से बड़े हो गए लोग इस किसान आंदोलन को पूरे विपक्ष ने समर्थन दिया था। इसके पीछे राजनीतिक मकसद हो सकते हैं लेकिन जब पेट की भूख मिटाने और पांवों के छालों पर मरहम लगाने की बारी आई, तो राजनीतिक पार्टी के झंडे के नीचे खड़ा हर एक शख्स मुंबईकर हो गया। शेतकरी कामगार पक
नौवां कैंडिडेट उतार बीजेपी ने यूपी में बिगाड़ा विपक्ष का समीकरण

नौवां कैंडिडेट उतार बीजेपी ने यूपी में बिगाड़ा विपक्ष का समीकरण

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नई दिल्ली बीजेपी द्वारा यूपी में राज्य सभा चुनाव के लिए 9 प्रत्याशी मैदान में उतारने और एसपी के पूर्व नेता नरेश अग्रवाल के भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद यहां का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है। बीजेपी के इस चक्रव्यूह ने एसपी, बीएसपी और कांग्रेस के समीकरण को बिगाड़ दिया है। बीजेपी के नौवें चेहरे के तौर पर सोमवार को अनिल अग्रवाल ने नामांकन खत्म होने से कुछ देर पहले पर्चा भरा। 10 सीटों के लिए होनेवाले चुनाव के लिए विपक्ष के दो उम्मीदवार एसपी से जया बच्चन और बीएसपी से भीमराव आंबेडकर पहले से ही मैदान में हैं। यानी अब कुल प्रत्याशियों की संख्या 11 हो गई है। ऐसे में 23 मार्च को होनेवाले 10 राज्य सभा सीटों के चुनाव के लिए अब निर्विरोध निर्वाचन मुश्किल लग रहा है। बीएसपी उम्मीदवार के चुनाव पर फंसा पेच बीजेपी के नए दांव से बीएसपी उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर के चुनाव पर पेच फंस गया है। वैसे तो विपक्

राशिफल, 12 मार्च 2018

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मेष राशि – दांपत्यजीवन अच्छा रहेगा। आर्थिक लाभ मिल सकता है। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। दोस्तों से मुलाकात हो सकती है। आय के स्रोत विकसित हो सकते हैं। शारीरिक, मानसिक और आर्थिक दृष्टि से आज का दिन अच्छा साबित होगा। वृषभ राशि – संतान पक्ष से खुशखबरी मिल सकती है। पैसे के लेन-देन में सावधानी बरतें। अपनो से दूर जाने का अवसर आएगा। पारिवारिक समस्‍याएं परेशान कर सकती हैं। पूंजी निवेश में ध्यान रखें। कोर्ट- कचहरी के मामले में सावधानी बरतें। मिथुन राशि – आज के दिन स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। संतान पक्ष से खुशखबरी मिल सकती है। मानसिक शांति रहेगी। विदेश जाने के योग है। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। कारोबार में गति मिलेगी। कर्क राशि – कारोबार के सिलसिले में यात्रा पर जाना हो सकता है। मित्रों से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। यात्रा लाभप्रद रहेगी। वाणी पर संयम रखें। नकारात्मक विचारों पर काबू रखें। स्वास्थ्
महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने दसवीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को दी यह सलाह

महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री ने दसवीं की परीक्षा दे रहे छात्रों को दी यह सलाह

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मुंबई: किसानों के विशाल मार्च और विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने मुंबई में दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं को सोमवार को परीक्षा केंद्रों पर जल्द पहुंचने की सलाह दी है. नासिक से विशाल रैली के रूप में मुंबई पहुंच चुके किसानों की दक्षिण मुंबई में स्थित विधान भवन का घेराव करने की योजना है. पूरा ऋण माफ करने समेत कई अन्य मांगों को लेकर यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. तावड़े ने ट्वीट किया है कि किसानों के विशाल मार्च के मद्देनजर एसएससी के विद्यार्थियों को सलाह है कि वे कल की परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों पर समय पर पहुंच जाएं. तावड़े ने यह भी कहा है कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यार्थियों के अकादमिक भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
पेड़ से नहीं हो पाया था जेजे शूटआउट

पेड़ से नहीं हो पाया था जेजे शूटआउट

मुंबई दाऊद इब्राहिम के पुराने साथी फारुख मोहम्मद यासीन मंसूरी की सीबीआई ने 1993 के मुंबई धमाकों में गुरुवार को कस्टडी ली। यही फारुख 1992 के चर्चित जेजे शूटआउट में भी आरोपी है। जेजे शूटआउट पर अब तक बहुत कुछ लिखा और दिखाया गया, पर उस केस से जुड़े एक अधिकारी ने उस वारदात की एक नई ही कहानी सुनाई—पेड़ की कहानी। इस अधिकारी का कहना है कि यह शूटआउट अस्पताल के बाहर लगे एक पेड़ पर बैठकर टेलिस्कोपिक राइफल से होना था, पर बाद में शूटर सीधे अस्पताल में ही घुस गए। कई बार हुई रेकी 12 सितंबर, 1992 को हुए उस शूटआउट में दो पुलिस वाले शहीद हो गए थे, जबकि एक घायल हो गया था। पुलिस की तरफ से हुई जवाबी कार्रवाई में दाऊद के चार लोग घायल हो गए थे। जब इस केस में कई आरोपी गिरफ्तार हुए, तो उन्होंने पूछताछ में बताया कि उन्होंने वारदात से पहले अस्पताल के अंदर और बाहर की कई बार रेकी की थी। इसी रेकी में उन्हें पता चला
कितनी बदली मुंबई, 1993 धमाकों के 25 साल

कितनी बदली मुंबई, 1993 धमाकों के 25 साल

मुंबई 12 मार्च, 1993 को एक दर्जन बम धमाकों से मुंबई दहल उठी थी। इन ब्लास्ट में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हो गए थे। ढाई दशक बाद भी उन धमाकों से जुड़े आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसियों की धरपकड़ अभी भी जारी है। चार दिन पहले ही इस केस में वॉन्टेड आरोपी फारुख टकला को दुबई से मुंबई डिपोर्ट किया गया। टकला अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के खासमखास लोगों में एक है। यह सबको पता है कि 1993 के बम धमाके अंडरवर्ल्ड ने ही करवाए थे। सोमवार को जब इन धमाकों के 25 साल पूरे हो रहे हैं, तब यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि ढाई दशक बाद मुंबई अंडरवर्ल्ड का क्या अब कोई वजूद रह गया है? इन ढाई दशक में मुंबई कितना बदला है? अंडरवर्ल्ड और आतंकवाद के खिलाफ पुलिस का खुफिया नेटवर्क कितना बदला है? एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने विस्तार से इसे समझाया। शर्मा ने पिछले छह महीनों में डी कंपनी पर सबसे ज्यादा नकेल क
‘मुसलमान औरतें इस देश की नागरिक भी हैं…’

‘मुसलमान औरतें इस देश की नागरिक भी हैं…’

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मुंबई औरतों को पूरी दुनिया में भेदभाव का शिकार होना पड़ा है। यूरोप के कई देश, जो आज विकसित और बहुत सभ्य माने जाते हैं, वहां औरतों को वोटिंग का भी अधिकार बहुत बाद में मिला। भारत में औरतों के संघर्ष कहीं अधिक जटिल रहे हैं... और आज भी हैं। खास तौर पर मुस्लिम औरतों को पर्देदारी की जद में यूं गिरफ्त किया गया कि आजादी के बाद इस तबके की ज्यादातर औरतें घर की दहलीज के भीतर सिमट गईं। संसद में मुसलमानों की आवाज पहुंची भी, तो वह अमूमन पुरुष आवाज थी, जिसने तीन तलाक जैसी तमाम कुरीतियों के खिलाफ कभी कुछ नहीं किया। पेश है, इन्हीं तमाम मुद्दों के आस-पास भभारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की सह-संस्थापक नूरजहां सफिया नियाज से फिराज खान की बातचीत भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) क्या है? बीएमएमए मुसलमान औरतों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था है। जब हमने देखा कि आजादी के 60 साल बाद भी मुसलमान औरतों
विधानसभा घेरने पहुंचे 30 हजार किसान, मुंबई में किसानों का महा-मोर्चा

विधानसभा घेरने पहुंचे 30 हजार किसान, मुंबई में किसानों का महा-मोर्चा

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मुंबई देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में करीब 30 हजार किसान अपने खेतों को छोड़कर सड़कों पर हैं। मुंबई से करीब 150 किलोमीटर दूर नासिक से चला किसानों का यह रेला आजाद मैदान में जमा है। यहां से ये किसान विधानसभा घेरने के लिए निकलेंगे। बताया जा रहा है कि बच्चों की परीक्षा को देखते हुए किसानों ने 11 बजे के बाद प्रदर्शन का फैसला किया है। किसानों के इस कूच को लेकर महाराष्ट्र में जहां राजनीति गर्म है, वहीं पुलिस भी टेंशन में है। आज 1993 के बम धमाकों की 25वीं बरसी भी हैं। ऐसे में पुलिस के लिए चुनौतियां दोहरी हैं। करीब 45 हजार पुलिस कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, एसआरपी और रैपिड ऐक्शन फोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस की कोशिश है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों को विधानसभा से दो किलोमीटर पहले ही रोक दिया जाए। इसको देखते हुए वहां भारी पुलिस बंदोबस्त किया गया है। क्या हैं किसानों की मांगें -कृ

भारत हमारे डिप्लोमैट्स को कर रहा है परेशान, पाकिस्तान का आरोप

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पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाया है कि यहां मौजूद उनके राजनयिकों और उनके परिवार को भारत परेशान कर रहा है। इतना ही नहीं पाक ने यह भी कहा है कि राजनयिकों और उनके परिवार वालों को भारत की तरफ से धमकियां भी मिल रही हैं। अगर भारत ऐसा करने से नहीं रुका तो वह राजनियकों के परिवार वालों को वापस बुला लेगा। पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाक ने इसकी जानकारी इस्लामाबाद में भारतीय हाई कमिश्नर और दिल्ली में विदेश मंत्रालय को लिखित में दी है। जिसमें कहा गया है कि प्रताड़ना की बढ़ती घटनाओं की वजह से राजनयिकों के लिए भारत में अपने परिवार को रखना मुश्किल हो गया है, जो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान का यह भी आरोप है कि ऐसा पिछले चार-पांच दिनों से शुरू हुआ है। जब तीन दिन पहले पाकिस्तानी डिप्टी हाई कमिश्नर के बच्चों को स्कूल जाते समय परेशान किया गया था। वहीं एक अन्य घटना