ई दिल्ली
दिल्ली सरकार ने वक्फ बोर्ड के गठन पर फिलहाल रोक लगाने के एलजी के फैसले पर सवाल उठाया है। सरकार ने पूछा है कि आखिर क्या कारण है कि हाई कोर्ट के आदेश का बहाना बनाकर वक्फ बोर्ड के गठन को मंजूरी नहीं दी गई है? डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि इसके कारण साफ होने चाहिए। पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली वक्फ बोर्ड को उस समय भंग कर दिया था, जब वक्फ बोर्ड की जमीन से कब्जा हटवाने और भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही थी। दिल्ली सरकार ने कहा है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड का गठन वक्फ बोर्ड ऐक्ट 1995 के तहत किया गया है। एक साल से बोर्ड के गठन नहीं हुआ है। अफसरों के जरिए बोर्ड लाया जा रहा है। डेप्युटी सीएम ने कहा कि बोर्ड भंग रहने से इमामों को सैलरी भी नहीं मिल पा रही है। दिल्ली सरकार द्वारा नामित तीन सदस्यों को एलजी ने मंजूरी दे दी है। तीन अन्य सदस्य भी चुनकर आ गए, लेकिन सातवें सदस्य की नियुक्ति को लेकर बोर्ड के गठन को रोका जा रहा है।
सरकार का कहना है कि सातवें सदस्य की नियुक्त पर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने बोर्ड के गठन पर रोक नहीं लगाई है लेकिन एलजी ने कहा है कि जब तक मामले का निपटारा नहीं हो जाता, तब तक बोर्ड का गठन न किया जाए। सरकार की ओर से सवाल उठाए गए हैं कि आखिर पारदर्शी तरीके से बोर्ड को चलाने से क्यों रोका जा रहा है?