नई दिल्ली
केंद्र के स्वामित्व वाली कंपनी ऑइल ऐंड नैचरल गैस कॉर्पोरेशन ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम में सरकार की 51.11 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी को खरीदने पर सहमति जता दी है। इस महीने के आखिर तक कंपनी की ओर से इस हिस्सेदारी को खरीदने के लिए 36,915 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया जाएगा। इससे सरकार को 2017-18 में अपने 72,500 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य से अधिक राशि जुटाने में मदद मिलेगी। इस साल सरकार अब तक विनिवेश से 54,337 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। ऐसा पहली बार होगा, जब केंद्र सरकार विनिवेश के लक्ष्य से अधिक राशि हासिल करने में सक्षम होगी।देश की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी एचपीसीएल के शेयरों को 473.97 रुपये के भाव से खरीदेगी। एचपीसीएल के शेयरों में इस साल 26 पर्सेंट तक का इजाफा हुआ है। ओएनजीसी और एचपीसीएल की साझा मार्केट वैल्यू 49 अरब डॉलर यानी 3,11,925 करोड़ रुपये के करीब है। वहीं, रूस की दिग्गज ऊर्जा कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 61 अरब डॉलर है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘इस अधिग्रहण के बाद ओएनजीसी देश की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनी होगी और उसकी मौजूदगी पेट्रोलियम सेक्टर की हर चेन में होगी।’ ओएनजीसी को उम्मीद है कि तेल सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों में उसके कारोबार के चलते क्रूड की कीमतों में तेजी से उछाल और गिरावट का असर उस पर बहुत अधिक नहीं होगा।