शनि की पूजा में शुभकारी तत्व
शनिवार की पूजा विशेष तौर पर न्याय के देव शनि ग्रह की कुदृष्टि से बचने के लिए की जाती है। शनि का रंग काला है इसलिए इस दिन काले वस्त्र पहनना शुभ होता है। काले कपड़ों और काले तिल का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। शनिदेव को बहुत घातक भी माना जाता है। इसलिए लोग शनिवार के दिन यात्रा करना शुभ नहीं मानते। इसी के साथ आप शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ‘ॐ शनिदेवाय नमः’ का जाप भी कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त शनि ग्रह की पीडा से निवारण के लिये नीचे दिए पांच मंत्र काफ़ी लाभकारी सिद्ध होंगे। इनका शनि पूजा में 108 बार जाप करने से चमत्कारी लाभ प्राप्त हो सकता है। ये हैं पांच मंत्र
पहला शनि बीज मंत्र
ऊं प्राँ प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
दूसरा विनियोग मंत्र
शन्नो देवीति मंत्रस्य सिन्धुद्वीप ऋषि: गायत्री छंद:, आपो देवता, शनि प्रीत्यर्थे जपे विनियोग, इस मंत्र का पाठ करते हुए क्रमानुसार अपने सिर, माथे, मुख, कण्ठ, ह्रदय, नाभि, कमर, छाती, घुटने और पैरों का स्पर्श करें।
तीसरा शनि गायत्री मंत्र
औम कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात।
चौथा शनि वेद मंत्र
औम प्राँ प्रीँ प्रौँ स: भूर्भुव: स्व: औम शन्नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तु न:.औम स्व: भुव: भू: प्रौं प्रीं प्रां औम शनिश्चराय नम:।
पांचवां जप मंत्र
ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:।