संपत्ति के लिए वास्तु का उद्देश्य धन के देवता, भगवान कुबेर को खुश रखने के लिए है ऐसा सोचा जा सकता है । जब वह खुश होते हैं तब संपत्ती, भाग्य तथा समृध्दि की बरसात उनके भक्तों पर होती है । हालांकि, संपत्ति के लिए वास्तु सिर्फ भगवान को खुश करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए इसलिए इसका हर धर्म और सीमाओं पर अतिक्रमण होता है क्योंकि अधिकांश पुरूषों का उद्देश्य और महत्वाकांक्षा होती है कि जितना ज्यादा हो सके उतना कमाए तथा इसके लिए वे कड़ी मेहनत भी करते हैं व चालाकी से खर्च करते हैं और निवेश पसंद करते हैं । वास्तु ऐसे लोगों का समर्थन करके सुनिश्चित करता है कि उन्होंने अपनी मेहनत से कमाए हुए पैसों में घाटा न हो बल्कि मात्र वृध्दि होती रहे । संपत्ति के लिए वास्तु टिप्स का न केवल घर में बल्कि कार्यालयों में भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए ।
नीचे कुछ संपत्ति के लिए वास्तु टिप्स का उल्लेख किया है –
सदोष टंकी के नल अथवा छेद से पानी टपकनेवाले नल या पाईप्स को वास्तु में खराब क्यों माना जाता है ? वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी माध्यम से जैसे नल, पाईप्स, ट्युब्स, पानी की टंकी में लगे हुए नल से होनेवाले पानी के रिसाव घर या कार्यालय से पैसों के नुकसान को दर्शाता है । यह पैसौं का होनेवाला नुकसान व्यक्ति की जानकारी के बिना तथा अक्सर होता है । इसलिए यह सुनिश्चित करें की नल या सिंक से किसी भी प्रकार का रिसाव न हो और इस प्रकार से अपने आप को आर्थिक नुकसान से बचाएँ ।
घर के दरवाजे मुख्य द्वार के साथ एक सीधी रेखा में न हो क्योंकि इसका आपके स्वास्थ्य और संपत्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है ।
आपके घर को पेंटिग्ज तथा चित्रों के साथ सजाने से सकारात्मक ऊर्जा को लाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है । इसका आपके वित्त, शिक्षा, रिश्ते और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर प्रभाव पड़ सकता है ।