मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने इमर्जेंसी (1975-1977) के दौरान मारे गए या फिर जेल गए लोगों के लिए पेंशन योजना की घोषणा की है। राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा में इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा, ‘इमर्जेंसी के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़े लोगों को राज्य सरकार ने सम्मानित करने की योजना बनाई है।’इसके लिए एक महीने पहले पाटिल की ही अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया गया था। पाटिल ने कहा, ‘कुछ लोगों को एक महीने, कुछ को तीन महीने और कुछ को 19 महीने की जेल हुई थी। इन लोगों की वजह से लोकतंत्र और भी मजबूत हुआ। इन लोगों को पेंशन देने की मांग चल रही थी। कई राज्य इस तरह की पेंशन योजना 10 साल पहले ही शुरू कर चुके हैं।’
मंत्रियों से भी सलाह
इसके लिए दो कैटिगरी बनाई गई हैं। पहली में वे लोग आएंगे जिन्हें एक से छह महीने के लिए जेल भेजा गया था। बाकी लोग दूसरी कैटिगरी में आएंगे। अगर जेल भेजे गए किसी व्यक्ति की मौत हो चुकी है तो उसकी पत्नी को पेंशन दी जाएगी।
पाटिल ने कहा, ‘पेंशन राशि पर इसी महीने के अंत तक फैसला हो जाएगा। इसके लिए मंत्रियों और कलेक्टर्स से भी सलाह ली जाएगी, फिर वित्त विभाग के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा।’