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काला हिरण शिकार केस: जोधपुर जेल के कैदी नंबर 106 बने सलमान, 5 साल की सजा

जोधपुर
जोधपुर के कांकणी में काला हिरण शिकार के 20 साल पुराने मामले में सेशंस कोर्ट ने ऐक्टर सलमान खान को दोषी करार दिया है। सजा सुनाए जाने के बाद सलमान को जोधपुर सेंट्रल जेल लाया गया। जेल में सलमान को कैदी नंबर 106 दिया गया है। हालांकि उन्हें गुरुवार को कैदियों वाले कपड़े पहनने को नहीं दिए गए हैं।इससे पहले काला हिरण केस में अदालत ने सलमान को 5 साल की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका। इस मामले में ऐक्टर सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे को अदालत ने बरी किया है। सजा सुनाए जाने के फौरन बाद सलमान को हिरासत में ले लिया गया। सलमान के वकील ने सजा सुनाए जाने के बाद जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है। सलमान की बेल पर सेशंस कोर्ट में अब शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी। जोधपुर सेंट्रल जेल में सलमान को आसाराम की बैरक नंबर-2 में ही रखा गया है। रेप के मामले में आसाराम पांच साल से जोधपुर जेल में बंद हैं।

सलमान को गुरुवार की रात जेल में ही गुजारनी होगी। जोधपुर के डीआईजी (जेल) विक्रम सिंह ने मीडिया को बताया, ‘सलमान खान को कैदी नंबर 106 दिया गया है और उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल के वॉर्ड नंबर 2 में रखा गया है। जेल ले जाने से पहले उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने खुद के लिए कोई मांग नहीं की है। हम उन्हें कल (शुक्रवार को) जेल यूनिफॉर्म देंगे। उनके वॉर्ड में कई स्तर की सुरक्षा मुहैया कराई गई है।’ मामले की सुनवाई के दौरान उपस्थित होने के लिए सलमान समेत अन्य आरोपी बुधवार को ही जोधपुर पहुंच गए थे। सलमान खान के साथ उनकी दोनों बहनें अलवीरा और अर्पिता भी मौजूद रहीं। सलमान को सजा सुनाए जाते ही, दोनों सलमान से लिपटकर रो पड़ीं। बता दें कि अब तक सलमान के सभी मामलों पर अलवीरा ही नजदीक से नजर रखती आई हैं। इस केस में भी फैसले से पहले अलवीरा ही वकील के साथ चर्चा कर रही थीं।
सलमान खान और अन्य के खिलाफ शिकार के कुल 3 मामले (दो चिंकारा और दो काले हिरण का शिकार) और आर्म्स ऐक्ट का एक मामला दर्ज किया गया था। सलमान को घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था।

आर्म्स ऐक्ट के केस में भी सलमान पिछले साल बरी हो गए। बाद में इन केसों के गायब गवाह हरीश दुलानी के सामने आने के बाद सलमान की मुश्किलें बढ़ गईं। राजस्थान सरकार ने गवाह को आधार बनाकर सलमान पर हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। इसके बाद मामला फिर शुरू हो गया। सरकारी वकील के मुताबिक इस मामले में दोषी करार दिए जाने पर न्यूनतम एक साल और अधिकतम 6 साल तक की सजा हो सकती है। आइए आपको बताते हैं इस हाइप्रोफाइल केस की पूरी कहानी…
सितंबर 1998: यह घटना ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान की है। आरोप है कि सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्रे के साथ सलमान खान ने जोधपुर के पास कांकणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया। सरकारी वकील के मुताबिक उस रात सारे कलाकार जिप्सी में सवार थे, जिसे सलमान खान चला रहे थे। हिरणों का झुंड देखने पर उन्होंने गोली चलाई और उनमें से दो हिरण मार दिए थे। उन्होंने कहा कि जब लोगों ने उन्हें देखा और उनका पीछा किया तो ये कलाकर मृत हिरणों को मौके पर छोड़कर भाग खड़े हुए।

2 अक्टूबर 1998: बिश्नोई गांव के लोगों ने सलमान खान और ‘हम साथ साथ हैं’ के उनके को-ऐक्टर्स के खिलाफ हिरणों के शिकार का केस दर्ज कराया।

12 अक्टूबर 1998: सलमान खान को विलुप्तप्राय जानवरों के शिकार के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई।

10 अप्रैल 2006: ट्रायल कोर्ट ने वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन ऐक्ट के तहत चिंकारा शिकार के केस में सलमान को दोषी ठहराया। उन्हें 5 साल की सजा सुनाई गई और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

31 अगस्त 2007: राजस्थान हाई कोर्ट ने चिंकारा शिकार मामले में सलमान को पांच साल की सजा सुनाई। एक हफ्ते बाद सलमान की अपील पर यह सजा सस्पेंड कर दी गई। सलमान खान ने एक सप्ताह का यह वक्त जोधपुर जेल में बिताया। बाद में हाई कोर्ट ने आर्म्स ऐक्ट के केस में भी वर्ष 2017 में सलमान को बरी कर दिया।

24 जुलाई 2012: राजस्थान हाई कोर्ट की बेंच ने काले हिरण के शिकार मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। इसके बाद मामले में ट्रायल की राह खुली।

9 जुलाई 2014: राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सलमान खान को नोटिस जारी किया। राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत सलमान की सजा को सस्पेंड किया गया था।

25 जुलाई 2016: राजस्थान हाई कोर्ट ने घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में सलमान खान को बरी कर दिया। हाई कोर्ट ने कहा कि इसके सबूत नहीं हैं कि सलमान की लाइसेंसी बंदूक से ही शिकार किया गया।

19 अक्टूबर 2016: राजस्थान सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की। दरअसल 18 अक्टूबर 2016 को इस मामले में 10 साल से लापता गवाह हरीश दुलानी सामने आ गया। दुलानी ने दावा किया वह अपने पुराने बयान पर कायम है कि उसने सलमान को शिकार करते देखा है। राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दुलानी के इसी बयान को आधार बनाया।

11 नवंबर 2016: राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई को फास्ट ट्रैक करने के राजी हो गया।

15 फरवरी 2017: सलमान खान के वकील ने सबूत पेश करने से इनकार कर दिया। इससे पहले 27 जनवरी को बयान की रिकॉर्डिंग के दौरान सलमान खान ने खुद को निर्दोष बताते हुए सबूत पेश करने की इच्छा जताई थी। बाद में उनके वकील ने कहा कि सबूत पेश करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि उन्हें बेकसूर बताए जाने वाले सारे सबूत कोर्ट में पहले ही पेश किए जा चुके हैं। तब एक मार्च से इस मामले का ट्रायल शुरू होना था।

28 मार्च 2018: इस मामले में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई। चीफ जूडिशल मैजिस्ट्रेट देव कुमार खत्री ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।

5 अप्रैल 2018: जोधपुर सेशंस कोर्ट ने सलमान को कांकणी में हिरण शिकार के मामले में दोषी करार दिया। सलमान को 5 साल कैद और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा। इस मामले में सैफ अली खान, तब्बू, नीलम और सोनाली बेंद्रे समेत बाकी आरोपी बरी।

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