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देश में आंधी-तूफान ने मचाई तबाही, यूपी में 18 तो राजस्थान में 12 की मौत

नई दिल्ली, (जेएनएन)। मौसम ने गुरूवार रात एक बार फिर करवट ली। अचानक घने बादल छाने व बारिश से मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदल गया। दिल्ली-NCR में रात भर जमकर बारिश हुई। कई इलाकों में ओले भी गिरे। इस बारिश ने गर्मी से जूझ रहे लोगों को राहत दी है। मौसम में आए इस बदलाव की वजह से तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। बारिश का यातायात पर भी काफी असर पड़ रहा है। बारिश की वजह से जगह-जगह जाम लगा हुआ है। जाम की वजह से सुबह ऑफिस जाने वालों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बुधवार को लगातार चौथे भी आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश ने कहर बरपा। इस दौरान तीन मासूमों समेत 18 लोगों की जान चली गई। इतना ही नहीं कई राज्यों में बारिश-ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो गईं। उधर, वादी में बर्फबारी व बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। अलबत्ता, दिल्ली में मौसम सामान्य रहा। बारिश और आंधी तूफान ने राजस्थान में भी कहर बरपाया है। यहां ना सिर्फ किसानों की फसल तबाह हो गई है बल्कि अलग-अलग घटनाओं में 12 लोगों की मौत हो गई। खबरों के अनुसार राजस्थान के धौलपुर में जहां 7 लोगों की मौत हुई है वहीं भरतपुर में 5 लोगों की जान चली गई। बारिश के कारण आगरा-धौरपुर ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित हुआ है।

वादी में हिमस्खलन का खतरा

वादी के उच्च पर्वतीय इलाकों में तीन दिनों से बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में चौथे दिन भी बारिश होती रही, जिससे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान वादी में मौसम शुष्क रहने की संभावना जताई है। ताजा बर्फबारी के चलते उच्च पर्वतीय इलाकों में हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है।

हिमाचल में झड़ गए सेब के फूल, बागवान मायूस

हिमाचल के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल में बारिश व ओलावृष्टि से किसान-बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। तीन दिन से हो रही बारिश व तेज हवाओं से गेहूं व जौ की फसल खेतों में ढह गई है। प्रदेश के ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने सेब बागवानों की कमर तोड़ दी है। सेब के फूल झड़ने से बागवान मायूस हैं। गुठलीदार फलों सहित नींबू प्रजाति के फलों आम, लीची को भी नुकसान पहुंचा है।

आंधी-तूफान से ताजमहल को पहुंचा नुकसान

उत्तर प्रदेश में चौबीस साल का रिकार्ड तोड़ने वाले तूफान के आगे मुगलकालीन ताजमहल भी कांप उठा। रॉयल गेट के ऊपर लगा करीब 12 फीट ऊंचा पिलर टूटकर गिर पड़ा। दक्षिणी गेट के पर लगा आठ फीट ऊंचा पिलर भी टूट गया। सरहिदी बेगम (सहेली बुर्ज) के मकबरे की छत का गुलदस्ता नीचे आ गया। परिसर में कई पेड़ धराशायी हो गए हैं।

बारिश बनी किसानों की आफत

किसानों के लिए यह बारिश आफत बन चुकी है। तेज हवा के साथ हुई बारिश ने किसानों को बड़ा झटका दिया। बारिश का पानी खलिहानों में रखे गेहूं के बोझ के नीचे तक चला गया। किसानों का मानना था कि अगर तेज बारिश हुई तो सीधा फर्क गेहू उत्पादन पर पड़ेगा। कटी कटाई और पकी पकाई फसल मंडियों में पहुंच चुकी है और खुले आसमान के नीचे भीग रही है।

बारिश में बिजली गुल

बेमौसम बारिश ने गुरुवार तड़के आधे बिजली गुल कर दी। जगह फाल्ट हुए और लाइन में तकनीकी खराबी आ गई। उनकी मरम्मत के लिए कई घंटों तक सप्लाई बाधित रही। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

शिमला में ओलावृष्टि

प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अप्रैल में बारिश व ओलावृष्टि से किसान-बागवानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। तीन दिन से हो रही बारिश व तेज हवाओं से गेहूं व जौ की फसल खेतों में ढह गई है। ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि के कारण सेब से फूल झड़ गए। गुठलीदार फलों सहित नींबू प्रजाति के फलों आम, लीची को भी नुकसान पहुंचा है।

17 अप्रैल तक सताएगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार जम्मू कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी हवाओं से हिमाचल में मौसम में बदलाव आया है। वीरवार को भी मौसम के तेवर कडे़ रहेंगे। 13 से 15 अप्रैल तक मौसम साफ रहेगा। 16 व 17 अप्रैल को बारिश व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना है। रोहतांग में एक फुट बर्फ गिरने से मनाली-लेह मार्ग फिर बंद हो गया है। बारिश व ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। चौपाल में ओलावृष्टि से सेब की फसल प्रभावित हुई।

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